Delhi Politics: दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार (24 मार्च) को साफ किया कि बीजेपी सरकार दिल्ली में बिजली के दामों को नियंत्रित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार की नीतिगत अक्षमता के कारण दिल्ली की जनता पर 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज (Regulatory Assets) बिजली कंपनियों के माध्यम से डाल दिया गया.
AAP सरकार पर बड़ा आरोप
आशीष सूद ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने 10-11 साल के कार्यकाल में बिजली कंपनियों को यह अधिकार दिया कि वे दिल्ली की जनता से 21,000 करोड़ रुपये की Regulatory Assets के रूप में वसूली कर सकें. उन्होंने कहा कि AAP सरकार की नीतिगत विफलताओं का सीधा असर दिल्ली की जनता पर पड़ा है. AAP MLA इमरान हुसैन बिजली की कीमतों को लेकर सवाल किया था.
बिजली के दाम नहीं बढ़ने देंगे: बीजेपी सरकार
ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि बीजेपी सरकार दिल्ली के लोगों पर बिजली की बढ़ती कीमतों का बोझ नहीं डालने देगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिजली की दरें नियंत्रित रहे.
बीजेपी सरकार के इस बयान के बाद अब सवाल यह है कि क्या Regulatory Assets का बोझ हटाने के लिए कोई ठोस योजना लाई जाएगी या यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रहेगा?