चुनावी हार से पस्त पड़े हाथी की रफ्तार बढ़ाने में जुटीं मायावती बहुजन समाज पार्टी के भीतर लगातार प्रयोग कर रही हैं. मायावती ने इस कड़ी में अपने परिवार के दो सदस्यों की राजनीति में भी एंट्री कराई है. इनमें पहला नाम भाई आनंद कुमार का तो दूसरा नाम भतीजे आकाश आनंद का है. हालांकि, दोनों ही अब तक बीएसपी को शीर्ष पर पहुंचाने में सफल नहीं हो पाए हैं.
आनंद और आकाश के बाद मायावती के परिवार से तीसरे शख्स के राजनीति में आने की चर्चा शुरू हो गई है. उस शख्स का नाम है- ईशान आनंद. मायावती के भाई आनंद कुमार के छोटे बेटे ईशान आनंद पिछले दो दिनों से लगातार बीएसपी दफ्तर में देखे जा रहे हैं.
बुधवार को ईशान अपने बड़े भाई आकाश के साथ मायावती का जन्मदिन मनाने आए थे. कहा जा रहा है कि मायावती ने मंच से ईशान का परिचय भी कराया. वहीं गुरुवार को ईशान बीएसपी की बैठक में आकाश से आगे वाली कुर्सी पर बैठे नजर आए.
हिट नहीं हो पा रहे आकाश आनंद
एक तरफ मायावती के भाई आनंद कुमार अस्वस्थ चल रहे हैं तो दूसरी तरफ बड़े भतीजे आकाश राजनीति में कमाल नहीं कर पा रहे हैं. आकाश आनंद सक्रिय राजनीति में साल 2017 में आए. 2019 में उन्हें पहली बार मायावती के साथ सार्वजनिक मंचों पर देखा गया. 2022 में मायावती ने आकाश को शक्ति दी और 2023 के दिसंबर में उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. इसके बावजूद आकाश आनंद हिट नहीं हो पा रहे हैं.
2023 में आकाश के जिम्मे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीएसपी का चुनावी कैंपेन था. इन तीनों ही राज्यों के चुनाव में बीएसपी को बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन तीनों ही जगहों पर आकाश परफॉर्म नहीं कर पाए.
2018 में राजस्थान में बीएसपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी, जो 2023 में एक हो गई. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीएसपी खाता नहीं खोल पाई. आकाश तेलंगाना भी गए, लेकिन वहां भी कमाल नहीं कर पाए.
लोकसभा चुनाव में आकाश के हिट होने के लिए बीएसपी ने बिसात बिछाई, लेकिन बीच चुनाव में ही मायावती आकाश की वजह से बैकफुट पर आ गईं. आखिर में आकाश को पूरे कैंपेन से हटना पड़ा.
लोकसभा के बाद आकाश की बीएसपी में मजबूत वापसी तो हुई, लेकिन आकाश कमाल नहीं कर पाए. आकाश यूपी उपचुनाव और हरियाणा चुनाव दोनों में बीएसपी के लिए कुछ खास नहीं कर पाए.
वर्तमान में आकाश के जिम्मे दिल्ली चुनाव है. दिल्ली में 2008 में आखिरी बार बीएसपी 2 सीटों पर जीती थी. उसे 15 प्रतिशत वोट मिले थे. आकाश के लिए इस रिकॉर्ड को वापस पाना आसान नहीं है.
ईशान लीगल स्टडी की पढ़ाई कर चुके हैं
आकाश और ईशान दोनों ने अपनी पढ़ाई लंदन से की है. आकाश आनंद जहां लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल कर चुके हैं. वहीं ईशान ने लंदन के वेस्टमिंस्टर कॉलेज से लीगल स्टडी की पढ़ाई की है. ईशान आकाश से करीब 3 साल छोटा है.
आकाश की तरह ही पढ़ाई करने के बाद ईशान भी पिता का बिजनेस संभाल रहे हैं. आकाश जब लंदन से लौटे थे, तब शुरू-शुरू में पिता का कारोबार ही संभालते थे. मायावती के भाई आनंद कुमार के नाम से कई कंपनियां अभी संचालित हो रही हैं.
चंद्रशेखर बढ़ा रहे मायावती की टेंशन
मायावती की टेंशन आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर लगातार बढ़ा रहे हैं. वकालत की पढ़ाई कर राजनीति में आए चंद्रशेखर लगातार दलितों के बीच अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं. 2024 के चुनाव में चंद्रशेखर अकेले दम पर नगीना सीट से जीतने में भी कामयाब हो गए. चंद्रशेखर की नजर दलित बहुल सीटों पर है.
इधर, दलितों के बीच लगातार मायावती का जनाधार घटता जा रहा है. 2024 के चुनाव में जहां बीएसपी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. वहीं उसे सिर्फ 9 प्रतिशत वोट यूपी में मिले. मायावती की पार्टी जाटव समुदाय तक ही सिमट कर रह गई है