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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना के तहत बहनों को 1500 की जगह 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया, जानिए क्या बोले फडणवीस सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा

मुंबई: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार में कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार ‘लाडकी बहिन’ योजना को बंद नहीं करेगी। लाडकी बहनों को  पन्द्रह सौ रुपए हर महीने मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार लाडकी बहिनों को भी पैसे देगी और लखपति दीदी को भी। लाडकी बहिन योजना बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह योजना बंद नहीं होगी। लोगों का काम है कहना कुछ तो लोग कहेंगे , हमने कोई धोखा नहीं किया है। विपक्ष का काम है आरोप लगाना वहीं सरकार का काम है काम करते रहना।

1500 की जगह 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा

दरअसल, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना के तहत बहनों को 1500 की जगह 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। महाराष्ट्र में सरकार का गठन हो गया और बजट भी पेश हो गया लेकिन अभी तक लाडकी बहिनों को हर महीने 1500 रुपये ही मिल रहे हैं। इस योजना की राशि को 2100 रुपये करने को लेकर कोई बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया है। सरकार के इस रुख से यह सवाल उठने लगे कि कहीं महायुति सरकार लाडकी बहिन योजना को बंद तो नहीं कर देगी। इसी के जवाब में कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार ‘लाडकी बहिन’ योजना को बंद नहीं करेगी।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंन्दे ने कही थी ये बात

बता दें कि बजट से पहले भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंन्दे ने यह संकेत दिया था कि लाडकी बहिन योजना  मौजूदा राशि 1500 से बढ़ाकर 2100  रुपये प्रतिमाह किया जा सकता है। उनका कहना था कि चुनाव से पहले हमने जो वादा किया था, उसे जरूर निभाएंगे। उन्होंने महाविकास आघाड़ी के नेताओ पर तंज करते हुए कहा था कि लाडली बहनों ने चुनाव में हमें भर-भरकर वोट दिया है और सौतेले भाइयों को घर मैं बैठा दिया है।

बता दें कि महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। महाराष्ट्र में महिलाओं को हर महीने आर्थिक लाभ देने के लिए सरकार ने माझी लड़की बहिन योजना शुरू की थी। विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत में इस योजना का बड़ा रोल माना जा रहा है। महिला सशक्तिकरण और समाज नें महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए यह योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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