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पश्चिम बंगाल: बालुरघाट में खुद को जज बताकर दूसरे से ठगी करने के मामले में वकील को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी करार 7 साल के कठोर कारावास की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में खुद को जज बताकर दूसरे से ठगी करने के मामले में एक वकील को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी करार दिया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस दौरान दोषी पाए गए फर्जी जज पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने दोषी को चेतावनी दी है कि अगर वह जुर्माना नहीं भर पाता है तो उसे 1 साल और जेल में बिताना पड़ेगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला 26 जुलाई 2020 का है, जहां गंगारामपुर उपमंडल कोर्ट में चंदन कुमार महंत नाम का शख्स वकालत कर रहा था. गंगारामपुर उप विभाग के डिप्टी मजिस्ट्रेट मंतोष मंडल ने चंदन के खिलाफ हरिरामपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि शख्स ने खुद को स्वास्थ्य विभाग के जज के तौर पर खुद की पहचान बताई. इससे एक शख्स प्रभावित हो गया और उसने नौकरी पाने की लालच में लाखों रुपये दे दिए.

वकील के खिलाफ डिप्टी मजिस्ट्रेट की शिकायत

बस इस शिकायत के बाद से चंदन के बुरे दिन शुरू हो गए. फर्जीवाड़े के इस केस में लगातार कोर्ट सुनवाई कर रहा था. चंदन के खिलाफ एक के बाद एक सबूत और गवाह कोर्ट में पेशी करते रहे. कोर्ट ने इस मामले में पहले आरोपी को दोषी करार दिया था. लेकिन, कोर्ट ने एक दिन बाद पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त सजा सुनाई. आरोपी को कोर्ट ने 7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

सूत्रों ने यह भी बताया है कि फर्जीवाड़े के मामले में दोषी पाए गए वकील चंदन कुमार महंत पर पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े के आरोप लगते रहे हैं. कोर्ट के फैसले से पूरे वकीलों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि यह सजा अतिरिक्त नगर और सत्र न्यायालय के जज संतोष पाठक ने सुनाई है.

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