देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ है। दिल्ली एनसीआर में गुरुवार और शुक्रवार को प्रदूषण में कमी आई है। स्थिति अभी भी चिंताजनक है, लेकिन पहले से बेहतर है। दिल्ली का औसतन एक्यूआई 283 है, जो कि 340 पहुंच गया था। वहीं, कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 से कम आ चुका है, जिन इलाकों में हवा सबसे खराब है, वहां भी यह आंकड़ा 400 से कम आ चुका है। मौसम में बदलाव के कारण दिल्ली एनसीआर में हवा की स्पीड बड़ी है, जिससे प्रदूषण कम हुआ है।
दिल्ली में सामान्य स्थिति में एक्यूआई 50 के आसपास रहता है। 50 से ज्यादा एक्यूआई वाली हवा सेहत के लिए नुकसानदेह होती है। 300 एक्यूआई वाली हवा बेहद खतरनाक होती है। इससे लोगों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। डॉक्टर ऐसी हवा में कम से कम रहने और काम करने की सलाह देते हैं। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी मॉर्निग वॉक बंद कर दी है।
दिल्ली के कई इलाकों में आज AQI 300 के नंबर से नीचे है
चांदनी चौक 189
द्वारका 286
मंदिर मार्ग 296
मुंडका 284
नजफगढ़ 271
नरेला 272
DU नॉर्थ केंपस 274
ओखला 268
प्रतापगंज 295
सीरी फ़ोर्ट 276
रोहिणी 311
सोनिया 312
विवेक विहार 316
जहांगीरपुरी 320
आनंद विहार 389
बवाना 314
बुराड़ी 314
श्वास के मरीज बढ़े
दिल्ली के अस्पतालों में श्वास संबंधी मामलों में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। श्वास रोग विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। उन्होंने लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने और धूल के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी। ठंडे मौसम और स्थिर हवा के कारण वातावरण में पीएम2.5, पीएम10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) जैसे प्रदूषक तत्वों का स्तर बढ़ जाता है।” पीएम2.5 का मतलब 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले सूक्ष्म कणों से है, जबकि पीएम10 कणों का व्यास 10 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। दोनों ही कण श्वास प्रणाली के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं और कई गंभीर बीमारियों एवं स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का कारण बनते हैं।