केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज केरल के वायनाड में रहेंगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नामांकन के 24 घंटे बाद ईरानी बीजेपी उम्मीदवार के नामांकन में शामिल हो रही हैं. केरल में चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा, जहां राहुल गांधी का दोस्ताना मुकाबला सीपीआई महासचिव डी. राजा की पत्नी सीपीआई उम्मीदवार एनी राजा से है. वहीं, दूसरी ओर विपक्ष में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन होंगे. पार्टी ने वायनाड से सुरेंद्रन को उम्मीदवार बनाया है.
केरल बीजेपी भाजपा अध्यक्ष आज सुबह करीब 10 बजे कलपेट्टा कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल करेंगे. स्मृति बाद में शहर में एक रोड शो और रैली करेंगी. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से हराया था, जिसके बाद कांग्रेस को शर्मसार होना पड़ा था क्योंकि वह पार्टी सुरक्षित सीट मानी जाती थी और उस दौरान राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष थे.
राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी रही हैं हमलावर
पिछले महीने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया था कि जब केंद्र में राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी की सरकार थी और उत्तर प्रदेश में उनके सहयोगी अखिलेश यादव की सरकार थीॉ तब उन्होंने अमेठी के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया. वह कहते हैं कि अमेठी उनका परिवार है, लेकिन उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी नहीं कीं.
इस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं. उन्होंने बीते दिन अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं. राहुल गांधी ने नामांकन से पहले एक बड़ा रोडशो किया. वायनाड से सुरेंद्रन की उम्मीदवारी पिछले हफ्ते घोषित की गई थी, जबकि राहुल और एलडीएफ उम्मीदवार एनी राजा के नामों की घोषणा बहुत पहले की गई थी. हालांकि ऐसी अटकलें थीं कि बीजेपी राहुल का मुकाबला करने के लिए किसी राष्ट्रीय स्तर के नेता को मैदान में उतारेगी, लेकिन अब पार्टी अपने अभियान के जरिए बड़ा धमाका करने की योजना बना रही है.
क्या है वायनाड का जातीय समीकरण?
बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्रन पिछले हफ्ते वायनाड पहुंचे. तब तक सीपीआई की एनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने चुनाव कार्य के दूसरे चरण का लगभग पूरा कर चुकी थीं. अगर वायनाड के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 49 प्रतिशत मतदाता हिंदू हैं. इसके अलावा 51 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक समुदाय से आती है. इनमें करीब 30 प्रतिशत मुस्लिम और 21 प्रतिशत ईसाई शामिल हैं.