Chaitra Navratri Vastu Tips: नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के सभी नौ रूपों को समर्पित है. इस दौरान भक्त मां दुर्गा की आराधना में लीन रहते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है. वहीं अगर किसी व्यक्ति के घर में वास्तु दोष है, तो इस दौरान कुछ खास उपाय कर वास्तु दोष से मुक्त पाई जा सकती है. हिंदू धर्म वास्तु शास्त्र का खास महत्व है कहते हैं जो लोग घर बनवाते समय वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं उनके घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है. मान्यता है कि वास्तु दोष के कारण घर और परिवार के सदस्यों की तरक्की रुक जाती है. इसके अलावा आर्थिक तंगी, बीमारियां और ग्रह कलेश के साथ नकारात्मकता बढ़ती है. वहीं नवरात्रि के दौरान कुछ आसान और अचूक उपाय कर इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत यानी प्रतिपदा तिथि की प्रारंभ 29 मार्च 2025 को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार, 30 जनवरी 2025 को होगी.
चैत्र नवरात्रि वास्तु दोष के उपाय |Chaitra Navratri Vastu Dosh Remedies
चैत्र नवरात्रि के दौरान घर के वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर रोजाना विधि-विधान से पूजा करें. वास्तु शास्त्र में दिशा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में मां दुर्गा की मूर्ति घर की ईशान कोण में स्थापित करें. मान्यता है कि इस दिशा में मूर्ति स्थपित करना शुभ होता है, जिससे मां दुर्गा की कृपा मिलने के साथ वास्तु दोष भी दूर होता है.
जलाएं अखंड ज्योति
चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व होता है. इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से सभी तरह के दोष दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है.
घी का दीपक जलाएं
देवी-देवताओं की आरती करते समय घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. नवरात्रि के दौरान इस दीपक को दाहिने हाथ की तरफ रखें. इस उपाय को करने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में मां दुर्गा का आगमन होता है.
चैत्र नवरात्रि का महत्व| Chaitra Navratri Significance
चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और आखिरी दिन राम नवमी के साथ समाप्त होता है. यह पर्व एक ओर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है, वहीं यह किसानों के लिए भी फसल की शुरुआत का प्रतीक होता है. नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में शांति, शक्ति, और समृद्धि लाने का कार्य करते हैं. इन नौ दिनों में विशेष ध्यान और साधना से भक्त अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. RBNEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.