उत्तर प्रदेश के बरेली में डॉक्टरों की लापरवाही ने एक छात्रा की जिंदगी हमेशा हमेशा के लिए नरक बना दी। छात्रा के अबॉर्शन के दौरान डॉक्टरों ने उसका गर्भाशय निकाल दिया, जिससे छात्रा की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद छात्रा के परिवार वालों ने उसे दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां वह आईसीयू में एडमिट है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र की रहने वाली छात्रा बीए फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही है। उसका गांव के ही एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा है। जब छात्रा को पता चला कि वो 5 महीने की प्रेग्नेंट है तो उसके बॉयफ्रेंड ने फरीदपुर के डी के अस्पताल में अबॉर्शन करवाया। लेकिन इस दौरान डॉक्टरों ने उसका गर्भाशय ही निकाल दिया जिससे वह अब कभी मां नहीं बन पाएगी। वहीं, छात्रा की हालत बिगड़ने पर इसकी सूचना जब छात्रा के परिजनों को लगी तो वह उसे दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे। लड़की के पिता ने इस मामले में गांव के ही युवक के खिलाफ अपहरण और कोल्ड ड्रिंक में नशा देकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
योग शिविर में जाने की बात कहकर घर से निकली थी छात्रा
21 जून को विद्यालय में योग शिविर में जाने की बात कहकर छात्रा घर से निकली थी। उसी रात पौने 9 बजे फरीदपुर के डीके अस्पताल से किसी ने कॉल करके बेटी से पिता की बात कराई। छात्रा के पिता उसकी मां के साथ अस्पताल में पहुंचे और बेटी को गांव ले गए। हालत गंभीर होने पर 22 जून को उसे बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ है।
जब मामले की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को लगी तो आईजी डॉक्टर राकेश सिंह डीके अस्पताल पहुंचे। इस दौरान पता चला कि डीके अस्पताल अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने डीके अस्पताल के आठ लोगों को हिरासत में ले लिया है, जबकि छात्रा का बॉयफ्रेंड अभी भी फरार है।
डॉक्टर समेत 8 लोग को हिरासत में
वहीं, इस मामले में एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्रा का कहना है कि फतेहगंज पूर्वी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जिस अस्पताल में छात्रा का इलाज हुआ वो फर्जी तरीके से चल रहा था। अस्पताल के डॉक्टर समेत 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। विवचना में दो लोगो के नाम सामने आए है। मुख्य आरोपी अभी फरार है।