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UP : नोएडा प्राधिकरण ने अपने सभी ऑफिस और फील्ड के वाहनों को EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और हाइब्रिड मॉडल में बदलने का फैसला किया, प्रदूषण के स्तर में आज मामूली कमी लेकिन हवा अब भी खराब

उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ लगातार हवा ख़राब बनी हुई हैं. कोहरे की वजह से इसमें और इजाफा देखने को मिला है. बीते कई दिनों से दिल्ली से सटे जिलों में प्रदूषण का स्तर 500 के पार तक चला गया और बेहद ख़तरनाक स्थिति मानी जाती है. लेकिन, बुधवार को इसमें थोड़ी राहत मिली है. हालांकि हवा अब भी खराब से बेहद ख़राब की श्रेणी में बनी हुई है.

दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर है. इन जिलों में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. बुधवार को इसमें मामूली कमी देखी गई है. जो हवा बीते कई दिनों से गंभीर श्रेणी में बनी हुई थी आज यहां एक्यूआई 350 से नीचे दर्ज किया गया. हालांकि ये भी बेहद ख़राब श्रेणी की हवा है.

नोएडा में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 लागू होने के बाद नोएडा प्राधिकरण एक्शन मोड में आ गया है. CEO ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. नोएडा प्राधिकरण CEO ने इसकी शुरुआत करते हुए अपने सभी ऑफिस और फील्ड के वाहनों को EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और हाइब्रिड मॉडल में बदलने का फैसला किया है. पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा.

नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा, “स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और आईटी कंपनियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. उनसे वर्क फ्रॉम होम (WFH) और छात्रों के लिए मेट्रो/लूप ड्राइव से आने का आग्रह किया गया है. GRAP-3 और 4 के मद्देनजर, कक्षा 5 तक की पढ़ाई ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि कक्षा 5 से ऊपर हाइब्रिड मॉडल में कक्षाएं चलाने का आग्रह किया गया है.

फैक्ट्रियों के दिए गए ये निर्देश

लोकेश एम सीईओ नोएडा ने बताया कि फैक्ट्रियों को DG सेट चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं यानी 70% गैस और 30% डीजल का मिश्रण अनिवार्य होगा. जिला प्रशासन की ओर से भी इस संबंध में पत्र जारी किए जा रहे हैं. प्राधिकरण ने सभी संस्थाओं को इन निर्देशों को लागू करने के लिए इस सप्ताह तक का समय दिया है. नियमों का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्लांट से निकलने वाले धुएं से बढ़ी परेशानी

ग्रेटर नोएडा बढ़ते प्रदूषण की वजह से ग्रेप स्टेज 4 लागू किया गया है. रोक के बाद भी जिले में प्रदूषण फैलाने वाले आरएमसी प्लांट धड़ल्ले से चलाए जा रहे है. दादरी क्षेत्र के बील अकबरपुर गांव में आरएमसी प्लांट से निकलने वाले काले धुएं से बुजुर्ग और दिल के मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. आरोप है कि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

आरएमसी प्लांट पर प्रतिबंध लगाने की मांग

लोगों ने ग्रेप स्टेज—4 लागू होने के बाद संचालित आरएमसी प्लांट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस संबंध में मंगलवार को अधिवक्ता कपिल शर्मा ने जिलाधिकारी से शिकायत की है. कपिल शर्मा ने बताया कि दादरी तहसील के बील अकबरपुर गांव में जीटी रोड पर आबादी के पास यह प्लांट चलाया जा रहा है. भारी मात्रा में काले धुएं का उत्सर्जन होने से किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है. वहीं, ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बुजुर्गों व अन्य को सांस की तकलीफ बढ़ रही है. वहीं, दिल के मरीजों का बुरा हाल है. कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.

अधिवक्ता कपिल शर्मा ने बताया कि आरएमसी प्लांट उनके घर के पास है. उनकी 90 वर्षीय दादी सरोज और 65 वर्षीय चाचा ऋषिदत्त शर्मा को परेशानी हो रही है. आरोप है कि इस प्लांट से निकलने वाले धुएं से उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. इतना ही नहीं प्लांट से निकलने वाले जहरीले धुएं की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. इसकी शिकायत जनसुनावाई पोर्टल पर भी की जा चुकी है. उन्होंने जिलाधिकारी से प्लांट को बंद कराने की मांग की है

नोएडा-गाजियाबाद में आज भी हवा बेहद खराब

नोएडा सेक्टर-125 में आज सुबह 6 बजे सबसे ज्यादा एक्यूआई रहा. यहां हवा में प्रदूषण का स्तर 329 दर्ज किया गया, वहीं नोएडा सेक्टर-116 में एक्यूआई 300 रहा. गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक्यूआई 327, संजय नगर में 290, इंदिरापुरम में 257 एक्यूआई रहा. जबकि ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क फ़ाइव में एक्यूआई 307 दर्ज किया गया.

एनसीआर के अलावा यूपी के दूसरे शहरों में भी हवा काफी खराब हैं. लेकिन यहां प्रदूषण का स्तर 300 से कम है. राजधानी लखनऊ के लालबाग इलाके में हवा में प्रदूषण का स्तर 239 रहा. वहीं हापुड़ में 233, मेरठ के पल्लवपुरम में 295 और मुजफ्फरनगर में 259 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है.

लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी

बता दें 200 से ज्यादा एक्यूआई वाली हवा भी स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है और ख़राब श्रेणी में आती है. प्रदूषण की वजह से इन इलाकों में अब लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों साँस लेने में दिक़्क़त हो रही हैं तो कई लोगों के फेफड़ों में समस्या और आंखों में जलन की परेशानी होने लगी है.

About Manish Shukla

Manish Shukla
मैं मनीष शुक्ला RBNEWS PVT LTD नेटवर्क में मुख्य संपादक एवं डायरेक्टर हूं. मीडिया उद्योग में 4 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, मैं रिपोर्टिंग और विश्लेषण में अपने अनुभव का लाभ उठाकर पाठको को आकर्षित और जागरूक करने वाली उच्च-प्रभाव वाली खबरों को सत्यतापूर्वक पेश करता हूं. वर्तमान में, मैं यु.पी., एम.पी., बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली सरकार की राजनीतिक व अपराधिक घटनाओं, एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED), CBI को कवर करने, के साथ कुछ इंटरव्यू और समसामयिक मामलों पर व्यावहारिक विश्लेषण प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदारी निभा रहा हूं.

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