UP News:-यूपी के गाजियाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स के खुद को आईएएस अफसर बताकर जालसाजी करने का मामला सामने आया है. शख्स ने गृह मंत्रालय में नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 5 करोड रुपए ले लिए और फिर उसे टहलाता रहा. जब युवक को शक हुआ तो उसने व्यक्ति के बारे में पड़ताल की. इसके बाद पता चला कि वह कोई आईएएस अधिकारी नहीं है. ये जानकर युवक के पैरों तले जमीन खिसक गई.
गाजियाबाद कमिश्नरी कें इंदिरापुरम थाने में पुलिस ने एक कोर्ट के आदेश के बाद रिपोर्ट दर्ज की है. रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले पीड़ित का नाम अंजार अहमद रिजवी है जो की वसुंधरा सेक्टर 15 में रहते हैं. अपनी शिकायत में अंजार ने बताया कि प्रदीप शर्मा नाम का व्यक्ति जो खुद को आईएएस अधिकारी बताता है उससे उसकी मुलाकात सरकारी ऑफिस में काम के दौरान हुई थी. इसके बाद उसकी पहचान उससे लगातार मिलने जुलने के कारण बढ़ती चली गई. इस दौरान प्रदीप शर्मा ने अंजार रिजवी से बताया कि गृह मंत्रालय में जॉब की अच्छी पोस्ट आईं हैं. उसने बताया कि उच्च अधिकारियों से उसके सीधे संबंध हैं.
लग्जरी गाड़ियों का टेंडर दिलवाने का झांसा
प्रदीप शर्मा ने अंजार को यहां तक कहा कि गृह मंत्रालय में अगर किसी की नौकरी लगवानी है तो उससे सीधा संपर्क किया जा सकता है. साथ ही गृह मंत्रालय की बहुत सी लग्जरी गाड़ियों की नीलामी भी होनी है और कुछ लग्जरी गाड़ियां गृह मंत्रालय में रेंट पर भी लगाई जानी हैं जिसके गृह मंत्रालय से टेंडर निकलते हैं. रिपोर्ट में आगे लिखा है की अंजार अहमद से प्रदीप शर्मा ने कहा था कि टेंडर उसे मिल जाएंगे. इसके साथ ही गृह मंत्रालय में लगने वाली रेंट की गाड़ियों के टेंडर भी उसे ही दिलवा दिए जाएंगे. गृह मंत्रालय के लेटर पर दो नौकरी भी इलाहाबाद कोर्ट में असिस्टेंट रिव्यु ऑफिसर के रूप में मिल जाएगी. लेकिन इन सभी कामों के लिए उसे 5 करोड़ 5 लाख रुपये देने होंगे.
मामले को आगे बढ़ाता रहा आरोपी
शिकायतकर्ता अंजार रिजवी ने यह सारी रकम प्रदीप शर्मा को उनके आवास पर जाकर सौंप दीं क्योंकि वह जानता था कि यह व्यक्ति एक आईएएस ऑफिसर है. रकम लेने के बाद प्रदीप शर्मा ने अंजार रिजवी को भरोसा दिलाया कि साल 2022 में उसके सभी काम पूरे करवा दिए जाएंगे, लेकिन बताए हुए समय पर कोई भी काम पूरा नहीं हुआ तो इस पर अंजार रिजवी ने प्रदीप शर्मा और उनके बहनोई से इस विषय पर जवाब मांगा. लेकिन इस बात पर प्रदीप शर्मा मामले को आगे बढ़ाता चला गया. अंजार को आखिर में प्रदीप शर्मा के आईएएस ऑफिसर होने पर शक हुआ तो उसने अपनी जांच पड़ताल शुरू की.
आईएएस अफसर बन करता था धोखाधड़ी
जांच में पता चला कि प्रदीप शर्मा कोई आईएएस अफसर नहीं हैं जिसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में यह मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें पीड़ित ने आरोपी प्रदीप शर्मा और उसके बहन बहनोई को आरोपी बनाया है. कोर्ट का आदेश मिलने के बाद पुलिस ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने एक टीम गठित करके जांच के लिए भी लगा दी है. आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए भी एक टीम का गठन पुलिस ने कर दिया है. पुलिस का दावा है कि जल्दी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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