Ambedkar Nagar: अम्बेडकरनगर में कथित तौर पर एक लड़की ने पुलिस प्रताड़ना की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना से लड़की ने ऐसा कदम उठाया. बताया गया कि दो दिन पूर्व दो युवको की हत्या की जांच कर रही पुलिस ने तीन लड़कियों को थाने ले जाकर पूछताछ की थी. रात एक बजे के लगभग लड़कियों को उनके घर छोड़ आई थी. उनमे से एक लड़की ने आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आरोपों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
अम्बेडकरनगर के अहिरौली थाना क्षेत्र के भिउरा गांव में दो दिन पूर्व प्राथमिक स्कूल में दो युवकों का शव पाया गया था. शवों की शिनाख्त गाजीपुर जनपद रहने वाले मुकेश और प्रिंस के रूप में हुई थी. पुलिस ने जब मृतक युवको के मोबाइल नम्बरो का सीडीआर निकाला तो गांव की तीन लड़कियों से मृतक युवको की बातचीत होना पाया गया. पुलिस ने तीन लड़कियों को 11 बजे दिन में थाने ले जाकर पूछताछ किया और रात 1 बजे गांव लाकर छोड़ दिया. इन्ही लड़कियों में से एक युवती ने घर के अंदर फांसी से लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के वक्त घर में कोई नहीं था. परिजनों का आरोप है पुलिस ने मानसिक रूप से बहुत टॉर्चर किया जिसके कारण उसने आत्महत्या की.
‘आत्महत्या की सूचना पर SHO ने कहा इलाज के लिए ले जाओ’
सपा सांसद के मुताबिक, लड़कियो ने आरोप लगाया कि हमसे कहा गया कि तुम लोगो ने मारा है. इसी प्रताड़ना और अपमानित करने से एक लड़की ने आज आत्महत्या कर ली. जब परिजनों ने इस सम्बंध में थाने में सूचना दिए कि लड़की ने फांसी लगा लिया है, तो एसओ ने कहा उसे उतार कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाओ,, जबकि वह मर चुकी थी.
पुलिस ने परिजनों पर बयान बदलने का बनाया दबाव?
सासंद के मुताबिक, जब हम लोगो ने एएसपी से बात तब एएसपी के निर्देश पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने परिजनों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का प्रयास किया. पुलिस ने परिजनों से कहा कि या तो सादे कागज पर हस्ताक्षर कर दो या फिर यह लिख कर दे दो की लड़की तीन दिन से बीमार थी जिसके कारण यह घटना हुई है. बहरहाल पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप भी लगे हैं.
मामले पर क्या बोले अधिकारी?
इस मामले में एएसपी श्याम देव पुलिस का कहना है कि मृतक युवको के मोबाइल की काल डिटेल चेक करने पर यह पाया गया कि गांव की दो तीन लड़कियों से उनकी बातचीत हुई थी. इसी आधार पर तीनों लड़कियों को पूछताछ के लिए थानाध्यक्ष ने बुलाया था. पूछताछ के पश्चात तीन लड़कियों को उनके घर छोड़ दिया गया था.