आवारा पशुओं पर रोज 7.5 करोड़ हो रहे खर्च, योगी सरकार ने कितनी खोली गौशालाएं? उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आवारा पशुओं के रखरखाव पर रोजाना 7.5 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. ये जानकारी पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विधानसभा में दी है. उनका कहना है कि आवारा पशुओं की समस्या पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया गया है. इस बीच यूपी सरकार ने 7713 गौशालाएं बनाई हैं. इस समय राज्य में 12.43 लाख गायें हैं और सरकार ने गायों के रखरखाव के लिए भत्ते को पहले के 30 रुपए रोजाना से बढ़ाकर अब 50 रुपए रोज कर दिया है.
मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 1.05 लाख लोगों को 1.63 लाख गायें पालने के लिए सौंपी गई हैं. छह विभागों के अधिकारियों की एक समिति भी गठित कर दी गई है. इस समिति की सिफारिशों पर आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेजा जाता है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि हाईवे के पास के गांवों में आवारा पशुओं के गले में रेडियम प्लेट लगाई जाएगी. सांड की वजह से दुर्घटना में किसी शख्स की मौत होने पर 4 लाख रुपए की सहायता दी जाती है.
विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मामला
वहीं, यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विधानसभा में कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान न होने के बावजूद सरकार ने नियुक्तियों में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व दिया है. हालांकि, राज्य विश्वविद्यालय में कुलपतियों और अन्य पदों की नियुक्तियों में पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए समाजवादी पार्टी के संग्राम यादव ने आरोप लगाया कि सरकार तमाम राज्य विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रही है.
उन्होंने मांग की कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य विश्वविद्यालयों में हुई सभी नियुक्तियों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि यूपी सरकार योग्य अभ्यर्थियों की अनदेखी कर और कुलपतियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से कुछ खास वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए नियुक्तियां कर रही है. यादव ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है, इसलिए सदन में इस पर दो घंटे की चर्चा होनी चाहिए. सपा के डॉ. आरके वर्मा ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाया. उपाध्याय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा सदस्य सदन में भ्रम पैदा कर रहे हैं.