Gangaghat:-पहाड़ी व मैदानी इलाकों में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय है। मूसलाधार हो रही बारिश के चलते के चलते सभी प्रमुख नदियां पूरे ऊफान पर बह रही हैं। बांधों में भी पानी अधिक होने के कारण बड़ी मात्रा में पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है, जिसका असर नगर से गुजरी गंगा नदी पर साफ देखा जा रहा है। उधर गंगा बैराज में पानी अधिक होने के बाद इसके सभी गेटों के खोल दिये जाने से नगर में गंगा का प्रवाह तेज होने के साथ ही जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी होने के कारण गंगा अब चेतावनी बिन्दु 112 मीटर से महज 30 सेमी. ही दूर रह गई है। जिससे गंगा के तटीय इलाकों के हालात बदहाल होना शुरू हो गए हैं। पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के चलते प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी जारी है। जिसके चलते अगस्त माह के दूसरे सप्ताह से पहाड़ी इलाकों के साथ ही मैदानी इलाकों में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। जिसके कारण बांधों में अधिक पानी आने के कारण बड़ी मात्रा में बांधों से पानी सीधे गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते सभी प्रमुख नदियां पूरे ऊफान पर है। उधर कानपुर गंगा बैराज बांध में पानी अधिक मात्रा में पहुंचने के बाद इसके सभी गेटों को खोल दिया गया है, जिसके चलते नगर में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। शुक्रवार सुबह जहां गंगा का जलस्तर 111.61 मीटर दर्ज किया गया, वहीं शाम छह बजे जलस्तर 111.69 मीटर पहुंच गया। जिससे नगर में अब गंगा चेतावनी बिन्दु से महज तीस सेमी. ही दूर रह गई हैं। जिसके चलते गंगा के तटीय इलाकों सैय्यद कंपाउंड, तेजी पुरवा, हुसैन नगर, कर्बला, गोताखोर में बाढ़ से हालत बिगड़ना शुरू हो गया है। लोगों के घरों के सामने कमर तक भरे पानी के कारण लोगों को अब नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। जलस्तर के बढ़ने के साथ ही सैकड़ों की संख्या में मकान बाढ़ से घिर जाने के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूली बच्चों को नाव से स्कूल जाना पड़ रहा है। उधर गंगा के जलस्तर में तेजी से हुई बढ़ोत्तरी के चलते रविदास नगर में लगे जियो बैग व परक्यूपाइन भी पूरी तहर से गंगा में डूब चुके हैं। साथ ही गंगा का पानी अब रविदास नगर में गिर रहे नालों के जरिए उल्टा रिहायशी इलाकों मालवीय नगर व श्रीनगर की ओर से तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यहां रहने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों ने बताया गंगा के चेतावनी बिन्दु के पार करते ही रिहायशी इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ जायेंगे।
