केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांगेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद का मानसून सत्र देश के नजरिए से सफल रहा और विपक्ष के नजरिए से असफल रहा. किरण रिजिजू ने कहा कि मेरे ख्याल से राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं. मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता हूं, जब राहुल गांधी बोलते हैं तो उनके सभी सांसद बहुत असहज हो जाते हैं. उनको लगता है कि वो कुछ बकवास करेंगे और उसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा.
जब वह प्रधानमंत्री को चोर बोलते हैं तो इसपर सुप्रीम कोर्ट ने उनको बहुत डांटा भी था. उन्होंने राफेल के बारे में भी अनाप-शनाप बातें कहीं थी. इसके बाद उन्होंने यह झूठ बोला कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. आप भारतीय होने के नाते इंडियन की तरह बात करो. फिर भी वो सुनते नहीं हैं. अगर राहुल गांधी खुद को नहीं सुधार सकते हैं तो मैं कौन होता हूं उनको सुधारने वाला. हम तो यह चाहते हैं कि लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी मजबूत हो. एक मजबूत विपक्ष का होना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी होता है. मजबूत विपक्ष की तो बात ही छोड़िए. वह तो विपक्ष के रूप में बेसिक काम भी नहीं कर पाते हैं.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती तो वो भारत विरोधी विदेशी ताकतों के साथ मिलकर सरकार और संस्थाओं पर हमला करना शुरू कर देती है. ताकि इससे आम जनता का इस देश की संस्थाओं से विश्वास उठ जाए. उन्हें कमजोर करने के लिए कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग बिक चुके हैं, जब वो सरकार की विश्वसनीयता और देश को कमजोर करने के लिए साजिश करते हैं तो उसके परिणाम में आंदेलन होता है.
कांग्रेस के पहले के दूसरे नेता ऐसे नहीं थे, लेकिन राहुल गांधी बहुत खतरनाक रास्ते पर जा रहे हैं. जॉर्ज सोरोस का कहना है कि भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर रखे गए हैं. कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और कई वामपंथी संगठनों में बैठी भारत विरोधी खालिस्तानी ताकतें देश के खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं. वो वामपंथी मानसिकता के साथ मिले हुए हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस इन विदेशी ताकतों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ये देश को कमजोर कर रहे हैं. यह काफी चिंताजनक है. लेकिन इस देश को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोई अस्थिर नहीं कर सकता.