भोपाल: देश की प्रीमियम ट्रेनों में से एक, राजधानी एक्सप्रेस में तस्करी के लिए ले जाई जा रही 54 करोड़ रुपये की ड्रग्स बेंगलुरु और भोपाल में जब्त की गई है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने’ऑपरेशन वीड आउट’ के तहत बेंगलुरु और भोपाल स्टेशनों पर हाइड्रोपोनिक गांजा से भरे बैग जब्त किए। बेंगलुरु में 29.88 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त किया गया, जिसके कुछ घंटों बाद भोपाल में 24.18 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया। दोनों खेपों को राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया जाना था। तस्करी के इस तरीके ने जांच एजेंसियों को होश उड़ा दिए। इसलिए ट्रेन में सफर करते इस बात का ख्याल रखें की आपकी सीट के नीचे कहीं कुछ अवैध वस्तु तो नहीं रखी हुई है।मास्टरमाइंड गिरफ्तार
थाईलैंड से लौटे एक व्यक्ति को बेंगलुरु के एक होटल से 18 किलोग्राम गांजे के साथ पकड़ा गया। इसके बाद तस्करी के इस पूरे खेल के कथित मास्टरमाइंट को नई दिल्ली में 1.02 करोड़ रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अब तक कुत 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
क्या है हाइड्रोपोनिक वीड?
बता दें कि हाइड्रोपोनिक वीड, मिट्टी में नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर पानी में उगाई जाने वाली भांग है। इस विधि से इसमें THC (टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल) की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे यह सामान्य मारिजुआना की तुलना में कहीं अधिक नशीला हो जाता है। सिगरेट में लपेटकर या कागज़ों में लपेटकर इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट में काफी महंगा ड्रग्स बन गया है।
भोपाल में ड्रग्स लैब
यह भंडाफोड़ एक बड़े और गहरे षड्यंत्र से भी जुड़ा है। कुछ दिन पहले 16 अगस्त को भोपाल के जगदीशपुरा में एक और छापे में एक गुप्त ड्रग लैब का पता चला था। इस लैब से लगभग 92 करोड़ रुपये मूल्य का 61.2 किलोग्राम तरल मेफेड्रोन और 541 किलोग्राम से अधिक प्रीकर्सर रसायन बरामद किए गए थे। जांचकर्ताओं ने इस लैब का संबंध सलीम “डोला” इस्माइल से बताया जो तुर्की से अपना काला साम्राज्य चलाता है। सलीम डोला भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़ा है।
भोपाल बन रहा ड्रग्स का केंद्र?
इससे पहले, अक्टूबर 2024 में, गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक विशाल ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, जहां से 1,800 करोड़ रुपये की 907 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की गई थी। भोपाल में ड्रग्स लैब और ड्रग्स की बढ़ती बरामदगी को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि भोपाल ऐसे ड्रग्स के उत्पादन और वितरण का केंद्र बनता जा रहा है। देश के मध्य में स्थित होने के चलते अन्य हिस्सों तक यहां से ड्रग्स की पहुंच आसान हो जाती है। वहीं कभी जबरन वसूली और गैंगवार का पर्याय रहा दाऊद इब्राहिम का सिंडिकेट अब चुपचाप नशीले पदार्थों के व्यापार में लग गया है – एक ऐसा धंधा जिसमें ज़्यादा मुनाफ़ा और कम जोखिम है।