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UGC ने केंद्र से अनुदान प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण पॉलिसी बनाने का प्रस्ताव दिया

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने केंद्र से अनुदान प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण पॉलिसी बनाने का प्रस्ताव दिया है. नए मसौदा दिशा निर्देशों में काॅलेजों को अनुदान प्राप्त करने के लिए एनएएसी या एनबीए कार्यक्रमों में भागीदारी, एनआईआरएफ रैंकिंग और 75% स्वीकृत शिक्षण पदों को भरने का प्रस्ताव दिया गया है.

यूजीसी ने जारी ड्राफ्ट पर 4 मार्च 2024 तक राय मांगी है.

 

अगर मंजूरी मिल जाती है, तो मसौदा दिशा निर्देश यूजीसी (अनुदान प्राप्त करने के लिए कॉलेजों की फिटनेस) नियम 2024, 1975 यूजीसी दिशा निर्देशों की जगह लेगा, जो आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों को कवर करता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नए नियम, यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत केंद्रीय या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालयों से संबद्ध प्रत्येक कॉलेज पर लागू होंगे.

UGC ने इसे किया अनिवार्य

 

सभी संस्थानों में गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए, यूजीसी ने कॉलेजों को धारा 2 (एफ) के तहत सूचीबद्ध करना अनिवार्य कर दिया है, जो सभी कॉलेजों में वैधानिक नियमों को लागू करने की अनुमति देता है और कॉलेजों को यूजीसी के प्रति जवाबदेह बनाता है. साथ की काॅलेजों को अनुदान प्राप्त करने के लिए 12(बी) का पालन करना होगा.

 

पहले के दिशा निर्देशों के दायरे का विस्तार करते हुए, यूजीसी ने प्रस्ताव दिया है कि विश्वविद्यालयों को या तो राष्ट्रीय मूल्यांकन और एनएएसी – उच्च शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन और मान्यता के लिए प्राथमिक निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों में कम से कम 60% कार्यक्रम होने चाहिए. यदि कोई कॉलेज एनबीए द्वारा मान्यता प्राप्त तीन से अधिक कार्यक्रम पेश करता है, तो केवल मान्यता प्राप्त कार्यक्रम को ही वैध माना जाए.

 

मसौदे में कहा गया है कि ऐसे कॉलेज जो न केवल केंद्र या राज्य सरकार के उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा निर्धारित उचित शुल्क लेते हैं, बल्कि कैपिटेशन शुल्क या कोई अनधिकृत शुल्क भी नहीं लेते हैं, उन्हें अनुदान प्राप्त करने पर विचार किया जाएगा. फंडिंग प्राप्त करने की विश्वसनीयता के लिए विश्वविद्यालय द्वारा समर्थित प्रमाणपत्र का प्रमाण भी कॉलेज द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा.

 

भरे होने चाहिए 75% पद

 

मसौदे में कहा गया है कि कॉलेजों को कुल स्वीकृत शिक्षण पदों में से कम से कम 75% पद भरने होंगे और आरक्षण नीति का विधिवत पालन करना होगा. सिर्फ नियुक्ति ही नहीं बल्कि शिक्षकों को यूजीसी या केंद्र या राज्य सरकार की नीति के अनुसार वेतन भी देना होगा. कॉलेज यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12बी के तहत मान्यता के लिए विचार करने के लिए यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जो उन्हें अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र बनाता है. संबद्ध विश्वविद्यालय इस आवेदन की जांच करने और 60 दिनों के भीतर मंजूरी के लिए यूजीसी को सिफारिश करने के लिए जिम्मेदार होंगे. मसौदे में कहा गया है कि अगर किसी भी बिंदु पर यूजीसी किसी कॉलेज को अपने नियम का उल्लंघन करते हुए पाता है, तो उनकी मान्यता वापस ली जा सकती है.

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