उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को दावा किया लोकसभा में एक साथ चुनाव कराने के लिए विधेयक पेश करना का केंद्र का कदम देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
साथ ही चुनावी वादे को पूरा नहीं किए जाने पर भी हमला बोला।
पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में पत्रकारों से ठाकरे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक लागू करने से पहले पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग की। साथ ही कहा कि चुनाव आयुक्तों का चयन भी चुनावों के माध्यम से होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसे कैसे किया जा सकता है।
लड़की बहिन योजना पर तंज
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले महीने विधानसभा चुनाव के दौरान किए वादे के अनुसार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को लड़की बहिन योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये देना चाहिए। बता दें, फिलहाल महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने दिए जाते हैं। इस पूरी योजना को भाजपा-शिवसेना और एनसीपी यानी महायुति गठबंधन की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी।
एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर हमला
ठाकरे ने कहा, ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।’ उन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के बाद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाली प्रतिष्ठित पेंटिंग को साउथ ब्लॉक में सेना प्रमुख के एनेक्सी से नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में स्थानांतरित करने को लेकर भी केंद्र की आलोचना की।
भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक थी पेंटिंग
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा कि पेंटिंग को क्यों हटाया गया क्योंकि यह भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक था। ठाकरे ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर कुछ महायुति नेताओं द्वारा जताई गई निराशा को लेकर भी सरकार पर निशाना साध। ठाकरे ने दावा किया, ‘जिन्हें मंत्री पद नहीं मिला, उनकी नाखुशी उन लोगों की खुशी से ज्यादा गूंजती है जो मंत्री बने।’
छगन भुजबल को लेकर कही ये बात
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के बारे में ठाकरे ने कहा कि उन्हें यह सुनकर दुख होता है क्योंकि उनके जैसे कई लोग सरकार का हिस्सा बनने के लिए पाला बदल चुके हैं। विशेष रूप से, भुजबल ने जुलाई 2023 में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट का समर्थन किया था।
ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में अपनी मंत्रिपरिषद का परिचय कराते हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि लेकिन पहली बार मुख्यमंत्री को उन लोगों को अपने मंत्रियों के तौर पर पेश करना होगा, जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार और छापेमारी के आरोप लगे हैं। शिवसेना प्रमुख ने मंत्रिमंडल विस्तार के बावजूद विभागों का आवंटन नहीं करने के लिए भी महायुति सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने फडणवीस नीत सरकार को ईवीएम में अनियमितताओं के विपक्ष के आरोपों का जिक्र करते हुए ईवीएम को ‘मशीन के बदले हर वोट’ वाली सरकार करार दिया।
फडणवीस सरकार ने पर्यावरण की परवाह नहीं की
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण में पर्यावरण संरक्षण पर संदर्भ था। 2014-19 से तत्कालीन फडणवीस सरकार ने आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के निर्माण में पर्यावरण की परवाह नहीं की। शिवसेना नेता ने कहा कि इसी तरह डोंगरी कार शेड परियोजना (भायंदर के निकट) के लिए 1400 पेड़ काटने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में महिलाओं की सुरक्षा का कोई जिक्र नहीं था।