तुर्की पिछले कुछ सालों से मुस्लिम मुद्दों पर सऊदी अरब से अलग चलता नजर आया है. इसके पीछे का मकसद मुस्लिम दुनिया में खुदकी एक अलग पहचान बनाना नजर आता है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन मुस्लिम दुनिया के नेता बनने की हमेशा कोशिश में लगे रहते हैं. दुनिया के किसी कोने के मुसलमानों का मुद्दा हो, एर्दोगन सबसे पहले अवाज उठाने वालों में से होते हैं. लेकिन अब उनका ये सपना टूटता नजर आ रहा है. 20 साल से भी ज्यादा सालों से तुर्की पर राज करने वाले एर्दोगन अपने ही देश में कमजोर होते नजर आ रहे हैं.
हाल ही में तुर्की में हुए मेयर के चुनाव में एर्दोगान की पार्टी एकेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. तुर्की की विपक्षी पार्टी ने देश के कई बड़े शहरों में जीत दर्ज की है. जिसका मतलब है कि तुर्की से एर्दोगान के पैर उखड़ने लगे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल शुरू करने के एक साल में ही बड़े शहरों में उनको झटका मिला है. चुनाव में हार ही नहीं गाजा युद्ध के बाद उनकी मुस्लिम प्रेमी छवी पर भी कई दाग लगे हैं. हाल ही में उनपे इजराइल को हथियार बेचने का भी आरोप है.
चुनावों में हार
तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी ने तुर्की के कई बड़े शहरों में अपने उम्मीदवार जीता लिए हैं. रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी ने राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और इजमिर समेत 5 बड़े शहरों में जीत दर्ज की है. चुनाव के नतीजों के बाद एक पूर्व बिजनेसमैन इमामोग्लू ने कहा, जो लोग देश के संदेश को नहीं समझते हैं वे आखिर में हार जाएंगें. तुर्की के राष्ट्रपति के खिलाफ तुर्की में ही गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो एर्दोगन मुस्लिम दुनिया के नेता तो दूर तुर्की के राष्ट्रपति पद से भी हाथ धो बेठेंगे.
फिलिस्तीनियों से गद्दारी का आरोप
पिछले दिनों एक्स पर #ErdoganArmsIsrael हैश टेग ट्रेंड करने लगा, इस हैश-टेग के साथ लोगों ने तुर्की और एर्दोगन पर कई आरोप लगाए, दराअसल बता दें ट्रेंडिंग इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तुर्की ने गाजा जंग के दौरान इजराइल को कीमती मेटल, केमिकल, परमाणु रिएक्टर पार्ट्स, विमान के हिस्सों, बारूद, विस्फोटक, कीटनाशकों, हथियारों और गोला-बारूद सहित करीब 319 मिलियन डॉलर का निर्यात किया. इस रिपोर्ट के सामने आते ही पूरी दुनिया में एर्दोगन की छवी मुस्लिम हितेशी से मुस्लिम विरोधी में बदल गई. हालांकि तुर्की सरकार ने इन सभी दावों को खारिज किया है. लेकिन मेयर चुनाव में ये साबित हो गया कि एर्दोगन के बुरे दिन शुरू हो गए हैं.