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मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल में मानव हड्डियां और बाल मिलने की बात से ट्रस्टियों ने काला जादू का आरोप लगाया, जानें मामला…

मुंबई के जाने-माने लीलावती अस्पताल के मौजूदा ट्रस्टियों ने अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर घोटाले और काला जादू करने का आरोप लगाया है। प्रशांत मेहता और परमवीर सिंह की तरफ से आरोप लगाया गया कि पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के बैठने वाले केबिन में काला जादू किया है। बकौल प्रशांत मेहता वह अभी जिस केबिन में बैठ रहे हैं वहां के बारे में अस्पताल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि इस कमरे में काला जादू किया गया है। इसके बाद प्रशांत मेहता ने उस कमरे की खुदाई कराई और फर्श के नीचे से 8 कलश मिले जिसमें इंसानी हड्डियां, बाल और काला जादू में इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग समान मिले हैं।

काला जादू का आरोप

प्रशांत मेहता के मुताबिक उन्होंने इस खुदाई की वीडियोग्राफी भी करवाई है और इंडिपेंडेंस विटनेस को भी उस दौरान यहां पर मौजूद रखा था। काला जादू के बाबत भी एक शिकायत बांद्रा पुलिस थाने में लीलावती अस्पताल के तरफ से की गई है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है। लीलावती अस्पताल के मुताबिक उन्होंने काला जादू के मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद कोर्ट खुद इस मामले की इंक्वारी कर रही है और अगर कोर्ट को लगा कि  इस मामले में एफआईआर दर्ज किया जाए तो कोर्ट पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे सकती है।

1200 करोड़ रुपये का घोटाला

मौजूदा ट्रस्टी प्रशांत मेहता और अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर परमबीर सिंह (पूर्व मुम्बई पुलिस कमिश्नर)  के मुताबिक अस्पताल का निर्माण साल 1997 में प्रशांत मेहता के पिता किशोर मेहता ने करवाया था। फिलहाल अस्पताल का ट्रस्ट प्रशांत मेहता के हाथ में ही है। 1200 करोड़ के गबन का आरोप लगाते हुए लीलावती अस्पताल के मौजूदा ट्रस्टियों ने 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है जिसमें पूर्व ट्रस्टी विजय मेहता (दिवंगत) के सात रिश्तेदार भी हैं जो कभी न कभी लीलावती ट्रस्ट का हिस्सा रहे हैं जिन लोगों पर आरोप लगा है वो फ़िलहाल विदेश में बताए जा रहे हैं।

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