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ज्ञानवापी मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज की सुनवाई पूरी, मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, अगली सुनवाई 15 फरवरी को

ज्ञानवापी मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई है और अब 15 फरवरी को सुबह दस बजे से इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ज्ञानवापी तहखाने में पूजा करने के मामले में आज सुबह 10 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। दरअसल, व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति देने के जिला जज वाराणसी के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष  इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा है। 31 जनवरी के जिला जज वाराणसी के फैसले को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी है और जिला जज के पूजा की अनुमति के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।

मस्जिद कमेटी के वकील सय्यद फरमान नक़वी ने आज कोर्ट में बहस की है। सुनवाई के दौरान फरमान नकवी ने 17 जनवरी के डीएम को रिसीवर नियुक्त करने के आदेश पर सवाल उठाए हैं। नक़वी ने आरोप लगाया कि वादी के प्रभाव में आकर आदेश पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वादी ने जो कुछ भी कहा उसे अंतिम सत्य या ईश्वरीय सत्य मान लिया गया है। 30 साल बाद व्यास जी के तहखाने पर हक जताने वाला शख्स कौन है, इसका लिखित कोई बयान नहीं है।

बाबरी मस्जिद मामला भी रखा कोर्ट के सामने

इतना ही नहीं आज की सुनवाई में नकवी ने बाबरी मस्जिद मामले को भी हाईकोर्ट के समक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि बाबरी मामले में निर्मोही अखाड़े के एक व्यक्ति ने अधिकार मांगा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमीनी जांच के बाद अर्जी को ख़ारिज कर दिया था। यहां पर 31 साल बाद वे अपना हक मांगने आते हैं और निचली अदालत ने उनके आवेदन को मंजूर भी कर लिया। हाईकोर्ट में मस्जिद कमेटी के वकील पुनीत गुप्ता और फरमान नक़वी ने आज बहस की है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की है।

पिछली सुनवाई में क्या दलीलें दी गईं?

पिछले बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बहस चली जिसके बाद न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने दोनों पक्षों को अपना-अपना दावा साबित करने को कहा था। इस दौरान ज्ञानवापी तहखाने में मिले पूजा के अधिकार को जहां मंदिर पक्ष ने सही बताया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने मंदिर पक्ष और यूपी सरकार के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि तहखाने का प्रयोग सिर्फ स्टोर रूम के बतौर हो रहा था, लेकिन हिन्दू पक्ष का दावा है कि वहां साल 1993 से पहले तक रोजाना पूजा होती थी।

इसके बाद ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति पर रोक लगावाने के लिए मस्जिद कमेटी की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची, जिसपर आज सुनवाई हुई। आज मस्ज़िद की इंतजामिया कमेटी के वकील ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में ये सुनवाई हो रही है।

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