प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए (13 फरवरी, 2025) को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई कोडीन आधारित कफ सिरप (CBCS) की अवैध बिक्री और कालेधन के खेल में शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ की गई.
छापे में बरामद हुई नकदी और आभूषण
ईडी के तलाशी अभियान के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए. इसके अलावा 40.62 लाख रुपये की नकदी और 1.61 करोड़ रुपये के आभूषण भी बरामद किए गए. ईडी को संदेह है कि यह रकम और आभूषण अवैध गतिविधियों से अर्जित किए गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला जम्मू के रईस अहमद भट्ट और अन्य लोगों से जुड़ा है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कोडीन आधारित कफ सिरप (CBCS) को अवैध रूप से बेचा और इसका गलत इस्तेमाल किया. कोडीन एक मादक पदार्थ होता है, जिसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है. इस तरह की दवाओं की बिक्री सरकार के सख्त नियमों के तहत होती है, लेकिन कुछ लोग इसका गैरकानूनी तरीके से व्यापार कर रहे थे. ईडी ने इस मामले में पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम) 2002 के तहत जांच शुरू की थी. जांच में सामने आया कि इस अवैध कारोबार से भारी मात्रा में काली कमाई की जा रही थी, जिसे विभिन्न माध्यमों से सफेद धन में बदला जा रहा था.
ईडी की कार्रवाई जारी
ईडी की इस छापेमारी से अवैध दवा व्यापार में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया है. एजेंसी अब बरामद दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है, ताकि इस काले कारोबार के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके.
सरकार लगातार ड्रग्स और नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर शिकंजा कस रही है. हाल के वर्षों में ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने कई बड़े मामलों का खुलासा किया है, जिसमें अवैध तरीके से दवाओं की बिक्री और पैसों की हेराफेरी शामिल थी. इस मामले में आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. ईडी ने साफ कर दिया है कि मनी लॉन्ड्रिंग और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.