मिडिल ईस्ट में काफी समय से युद्ध जैसा माहौल चल रहा है.. कहीं इजराइल-गाजा तो कहीं इजराइल-ईरान में ऐसा माहौल बना हुआ हैं. इन देशों के अलावा सीरिया में भी हमले जारी हैं. हाल ही में सीरिया में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमला हुआ, हालांकि अभी तक पुष्टि नहीं की गई है कि ये हमला किसने किया पर इस हमले के पीछे ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप के होने का संदेह जताया जा रहा है.
अमेरिका के डिफेंस ऑफिसर ने इस हमले की सूचना देते हुए बताया कि सीरिया के रूमालिन लैंडिंग जोन में अमेरिकी और गठबंधन सेना के खिलाफ एकतरफा मानवरहित एरियल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए हमला किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि इस हमले में किसी के भी घायल होने या कुछ भी नुकसान होने की खबर नहीं मिली है, लेकिन टीम अभी भी जांच पड़ताल में जुटी हुई है. ये हमला ड्रोन के जरिए किया गया.
इराक में भी हुआ हमला
डिफेंस ऑफिसर ने बताया कि यह हमला 9 अगस्त की शाम में करीब 5 बजे हुआ. सोशल मीडिया के जरिए मिल रही जानकारी से हमले वाली जगह पर आग लगने के आसार हैं. पश्चिमी इराक में भी इस हफ्ते की शुरुआत में हमला हुआ था, जिसमें 5 अमेरिकी लोग घायल हो गए थे. ये हमला अल-असद एयर बेस पर दो रॉकेट से किया गया था, इसके लिए पेंटागन ने मिलिशिया ग्रुप को दोषी ठहराया था, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि इस हमले के पीछे किस ग्रुप का हाथ है
अक्टूबर से हो रहे हमले
सीरिया में फिलहाल के समय में लगभग 900 अमेरिकी सैन्य कर्मी कार्यरत हैं, जो कि इस्लामिक स्टेट में लोकल कुर्द फोर्स का समर्थन करते हैं. इजराइल और हमास के बी छिड़ी जंग के बाद से ही ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप ने इराक और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया हुआ है. 18 अक्टूबर के बाद से ग्रुप ने हर रोज 170 हमले किए हैं, जिसे इजराइल – हमास युद्ध के बदले के तौर पर माना जाता है.