सेंट पीटर्सबर्ग: अमेरिका और रूस के संबंधों में बदलाव के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में भले ही किसी की भी जीत हो, इससे रूस-अमेरिका संबंधों में कोई बदलाव नहीं होगा। पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के इतर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ समेत अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए यह बात कही। पुतिन ने कहा कि अगर नवंबर में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद जीतते हैं तो उन्हें रूस के प्रति अमेरिकी नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है, लेकिन उन्होंने सोच में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर चेतावनी दी कि रूस पश्चिमी देशों में लक्ष्यों पर हमला करने के लिए अन्य को लंबी दूरी के हथियार मुहैया करा सकता है। इससे पहले, पुतिन ने जर्मनी को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन की तरफ से रूस पर हमला करने के लिए उसके (जर्मनी के) हथियारों का इस्तेमाल किया जाना एक ‘‘खतरनाक कदम’’ होगा। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों द्वारा हथियारों की आपूर्ति “एक बहुत ही खतरनाक कदम” है, खासकर तब जब देने वाले देश हथियारों के इस्तेमाल को “नियंत्रित” कर रहे हों।
‘हमें परवाह नहीं’
जब रॉयटर्स ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि अमेरिकी चुनाव के नतीजे मॉस्को के लिए कोई फर्क डालेंगे, तो व्लादिमीर पुतिन कहा, “मूल रूप से, हमें इसकी परवाह नहीं है (कौन जीतता है)। पुतिन ने कहा, “ट्रंप के साथ हमारे कभी कोई विशेष संबंध नहीं रहे हैं, तथ्य यह है कि राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया था, वो मध्यम और कम दूरी की मिसाइलों पर संधि से हट गए थे।”
‘हम काम करेंगे’
व्लादिमीर पुतिन कहा, ”मैं पूरी ईमानदारी से कह रहा हूं कि, हमें विश्वास है कि चुनावों के बाद अमेरिकी नीति में रूस के प्रति कुछ बदलाव आएगा, मैं ऐसा नहीं कहूंगा। हमें ऐसा नहीं लगता। हमें लगता है कि वास्तव में कुछ भी गंभीर नहीं होगा।” पुतिन ने कहा, ‘‘अमेरिका के लोग जिस किसी को भी राष्ट्रपति चुनेंगे, हम उसके साथ काम करेंगे।’’
पुतिन ने नहीं दिया जवाब
रूसी नेता ने इस वार्षिक मंच के जरिए रूस के विकास को दर्शाने और निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश की। यूक्रेन में सेना भेजने के बाद से पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित इस कार्यक्रम में पश्चिमी देशों के पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया।
‘यह खतरनाक कदम’
पुतिन ने पत्रकारों से कहा, “युद्ध क्षेत्र में हथियार पहुंचाना हमेशा बुरा होता है, यह और भी बुरा तब होता है जब आपूर्ति करने वाले लोग ना केवल हथियार पहुंचा रहे हों बल्कि उन्हें नियंत्रित भी कर रहे हों। यह एक बहुत ही गंभीर और बहुत ही खतरनाक कदम है।”
पुतिन ने किया जर्मनी का जिक्र
पुतिन ने जर्मनी का जिक्र करते हुए कहा कि जब जर्मनी द्वारा आपूर्ति किए गए पहले टैंक “यूक्रेनी धरती पर दिखाई दिए, तो द्वितीय विश्व युद्ध याद आया और रूस को नैतिक आघात हुआ।” जर्मन अधिकारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा “जब वो कहते हैं कि रूसी क्षेत्र में लक्ष्यों को मारने वाली और भी मिसाइलें होंगी, तो यह निश्चित रूप से रूसी-जर्मन संबंधों को खत्म कर देता है।”
रूस ने नहीं शुरू की जंग
व्लादिमीर पुतिन ने ने दोहराया कि उनके देश ने “यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू नहीं किया”, इसके बजाय उन्होंने 2014 में पश्चिमी समर्थक क्रांति को दोषी ठहराया। पुतिन ने कहा, “हर कोई सोचता है कि रूस ने यूक्रेन में युद्ध शुरू किया। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि पश्चिम में, यूरोप में कोई भी यह याद नहीं रखना चाहता कि यह त्रासदी कैसे शुरू हुई।”
उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा रूस
बता दें कि, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर अमेरिका की तरफ से यह बात कही जाती रही है कि रूस जंग में उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा हाल ही में पेंटागन की एक नई रिपोर्ट भी सामने आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है था कि रूस यूक्रेन में उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। रिपोर्ट में मलबे के विश्लेषण का हवाला देते हुए आरोपों की पुष्टि की गई है कि प्योंगयांग मॉस्को को हथियार भेज रहा है।
रिपोर्ट में कही गई ये बात
पेंटागन की रक्षा खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने ओपन-सोर्स इमेजरी का इस्तेमाल करके पुष्टि की थी कि इस साल जनवरी में यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र में पाया गया मलबा उत्तर कोरिया में बनी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का था। रिपोर्ट के साथ जारी एक बयान में रक्षा खुफिया एजेंसी ने कहा था, “विश्लेषण से पुष्टि होती है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरिया में बनी बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उत्तर कोरिया की मिसाइलों का मलबा पूरे यूक्रेन में पाया गया है।