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अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही वह भारतीय छात्रा का वीजा “हिंसा और आतंकवाद की वकालत” करने और हमास समर्थित गतिविधियों में शामिल होने के कारण रद्द कर दिया गया

Indian Student VISA: अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही वह भारतीय छात्रा स्वदेश लौट आई है, जिसका वीजा कथित तौर पर “हिंसा और आतंकवाद की वकालत” करने और हमास समर्थित गतिविधियों में शामिल होने के कारण रद्द कर दिया गया था.

होमलैंड सुरक्षा विभाग ने शुक्रवार 14 मार्च, 2025 को एक बयान में कहा कि भारतीय नागरिक रंजनी श्रीनिवासन ने एफ-1 छात्र वीजा पर कोलंबिया विश्वविद्यालय में शहरी नियोजन में डॉक्टरेट की छात्रा के रूप में अमेरिका में कदम रखा था. बयान में कहा गया है कि रंजिनी आतंकवादी संगठन हमास को समर्थन देने वाली गतिविधियों में शामिल थी और विदेश विभाग ने पांच मार्च को उसका वीजा रद्द कर दिया था. इसमें बताया गया है कि होमलैंड सुरक्षा विभाग को रंजनी का 11 मार्च का एक वीडियो मिला है, जिसमें वह स्व-निर्वासन के लिए सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) के स्मार्टफोन ऐप का इस्तेमाल करती नजर आ रही है.

‘आतंकवाद का समर्थन करने वाली खुद हो गई निर्वासित’

होमलैंड सुरक्षा विभाग की सचिव क्रिस्टी नोएम ने बयान में कहा कि “अमेरिका में रहने और पढ़ाई करने के लिए वीजा हासिल करना एक विशेषाधिकार है.” उन्होंने कहा, “जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं, तो आपसे यह विशेषाधिकार छीन लेना चाहिए और आपको इस देश में रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. मुझे आतंकवाद का समर्थन करने वाली कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक छात्रा को स्व-निर्वासन के लिए सीबीपी होम ऐप का इस्तेमाल करते देख खुशी हुई.”

‘अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो कभी अमेरिका नहीं आ पाएंगे’

होमलैंड सुरक्षा विभाग ने 10 मार्च को सीबीपी होम ऐप पेश किया था, जिस पर स्व-निर्वासन की जानकारी देने की सुविधा वाला फीचर उपलब्ध है. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोग देश छोड़ने का इरादा जाहिर करने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा कि सीबीपी ऐप अवैध प्रवासियों को “देश छोड़ने और स्व-निर्वासन का विकल्प देता है, ताकि उन्हें भविष्य में कानूनी रूप से अमेरिका लौटने और अपने सपनों को साकार करने का मौका मिल सके. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे, उन्हें निर्वासित करेंगे और वे कभी अमेरिका वापस नहीं आ पाएंगे.”

विभाग के मुताबिक, आईसीई एचएसआई नेवार्क के अधिकारियों ने वेस्ट बैंक की मूल निवासी फलस्तीनी छात्रा लेका कोर्डिया को एफ-1 वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहने के लिए गिरफ्तार किया है. विभाग के अनुसार, हाजिरी कम होने के कारण लेका का वीजा 26 जनवरी 2022 को रद्द कर दिया गया था. उसने बताया कि लेका को अप्रैल 2024 में न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय परिसर में हमास समर्थक विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पिछले हफ्ते “यहूदी छात्रों के लगातार जारी उत्पीड़न को लेकर विश्वविद्यालय की निष्क्रियता” के कारण कोलंबिया यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाले लगभग 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के संघीय अनुदान और अनुबंधों को तत्काल रद्द करने की घोषणा की थी.

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