नीदरलैंड्स: संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने कहा है कि फलस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों में इजराइल की उपस्थिति “गैरकानूनी” है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने शुक्रवार को जारी अपनी गैर-बाध्यकारी राय में कहा कि इजराइल ने पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में कब्जा करने, स्थायी नियंत्रण लगाने और बस्तियां बनाने की नीतियों को लागू करके, वहां कब्जा करने वाली शक्ति के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया है। उसने कहा कि इस तरह की हरकतें “कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल की मौजूदगी को गैरकानूनी” बनाती हैं। संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने कहा कि उसकी (इजराइल की) निरंतर मौजूदगी “अवैध” है और इसे “जितनी जल्दी हो सके” समाप्त किया जाना चाहिए।
बस्तियां बसाने की नीति अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने कहा कि पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में इजराइल की बस्तियां बसाने की नीति अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती है। उसने फलस्तीनी राज्य के लिए मांगी गई भूमि पर इजराइल के 57 वर्षों के कब्जे की वैधता पर एक गैर-बाध्यकारी सलाहकारी राय दी। यह एक ऐसा निर्णय है, जिसका इजराइल की नीतियों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय राय पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है।
अदालत ने इस बात पर भी किया विचार
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष नवफ सलाम ने अपनी राय में कहा कि समिति ने पाया है कि “इजराइल द्वारा पश्चिमी तट और यरुशलम में बसने वालों का स्थानांतरण तथा इजराइल द्वारा उनकी उपस्थिति बनाए रखना, चौथी जिनेवा संधि के अनुच्छेद 49 के विपरीत है।” अदालत ने इस बात पर भी “गंभीर चिंता” व्यक्त की कि इजराइल की बस्ती नीति का विस्तार हो रहा है। शुक्रवार की सुनवाई गाजा पर इजराइल के 10 महीने के भीषण सैन्य हमले की पृष्ठभूमि में हुई है। दक्षिणी इजराइल में हमास के हमलों के बाद उसने यह जवाबी कार्रवाई शुरू की थी। एक अलग मामले में, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय दक्षिण अफ्रीका के इस दावे पर विचार कर रहा है कि गाजा में इजराइल का अभियान नरसंहार के बराबर है। इस दावे का इजराइल पुरजोर खंडन करता है।
यह भी जानें
पश्चिम एशिया युद्ध में इजराइल ने 1967 में पश्चिमी तट, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था। फलस्तीनी तीनों क्षेत्रों को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में चाहते हैं। इजराइल पश्चिमी तट को विवादित क्षेत्र मानता है, जिसका भविष्य बातचीत से तय किया जाना चाहिए। उसने हालांकि अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए वहां बस्तियां बसा दी हैं। उसने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके इस कदम को मान्यता प्राप्त नहीं है। उसने 2005 में गाजा से अपनी सेना वापस बुला ली थी, लेकिन 2007 में हमास के सत्ता में आने के बाद भी इसने इस क्षेत्र की नाकेबंदी जारी रखी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय आम तौर पर तीनों क्षेत्रों को अधिकृत क्षेत्र मानता है।