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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ का मंजर इतना भयावह था कि बेकाबू भीड़ एक दूसरे को रौंदते हुए निकल गई, किसी का दम फूला तो किसी की हड्डी पसली हुई एक

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भगदड़ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब साढ़े 9 बजे हुई। जिसके बाद मृतकों को दिल्ली के RML अस्पताल लाया गया। जो लोग घायल थे, उन्हें लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पतालों के सूत्रों के मुताबिक, घायलों और मृतकों का हाल जो बताया गया वह सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ की इस भयावह घटना के बाद स्टेशन पर यात्रियों का सामान यहां-वहां बिखरा पड़ा था और मदद के लिए लोग चिल्ला रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी दुकानदार रवि कुमार नाम ने बताया कि जैसे ही प्लेटफॉर्म संबंधी घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे और जो लोग गिर गए, वे भीड़ में कुचले गए।  मैंने स्टेशन पर पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी।

अस्पताल में घायलों का हाल

आइए सबसे पहले भगदड़ में घायल हुए लोगों का हाल जान लेते हैं। भगदड़ में दबे घायलों को LNJP अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि ज्यादातर मरीजों के निचले अंग में चोट लगी है और कुछ को हड्डियों में चोट लगी है। चार लोग निगरानी में हैं और बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। ज्यादातर मरीज फिलहाल स्थिर हैं। 15 डॉक्टरों की एक टीम घायल मरीजों की देखभाल कर रही है।

दम घुटने से हुई लोगों की मौत

वहीं, भगदड़ में मरने वाले 18 लोगों का शव आरएमएल अस्पताल में लाया गया था। जहां अस्पताल के एक स्टाफ सूत्र ने बताया कि अस्पताल में लाए गए ज्यादातर शवों के सीने और पेट में चोटें थीं और उनकी दम घुटने से मौत हुई थी। मालूम हो कि, ये खौफनाक हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। जहां महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से ही भीड़ जुटने लगी थी। लोग अपना समान लेकर स्टेशन पर पहुंचने लगे थे। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिसके बाद ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर इतनी भीड़ इकट्ठी हो गई कि गाड़ी का प्लटफॉर्म बदलते ही भगदड़ मच गई और भीड़ आउट ऑफ कंट्रोल हो गई।

हादसे की जांच को लेकर बनाई गई दो सदस्यीय कमेटी

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, विशेष सीपी रॉबिन हिब्बू, विशेष सीपी एलएंडओ रवींद्र यादव और संयुक्त सीपी विजय सिंह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे डीसीपी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर बैठक की। इधर, हादसे की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें उत्तर रेलवे के दो अधिकारी नरसिंह देव और पंकज गंगवार को शामिल किया गया है। कमेटी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी CCTV वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश दिया है।

भीड़ हो गई बेकाबू, हुआ दर्दनाक हादसा

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर खड़ी थी। अप्रत्याशित संख्या में यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए खड़े थे। कुछ लोग ‘फुटओवर ब्रिज’ से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे फिसलकर एक दूसरे पर गिर गए और हादसा हुआ। प्लेटफॉर्म संख्या 12, 14 और 15 पर भीड़ बहुत अधिक थी। प्रयागराज जाने वाली सभी ट्रेन में क्षमता से अधिक लोग थे।

लोगों ने बताया-कैसा था भयावह मंजर

एक यात्री ने बताया ‘‘ट्रेन के अंदर भी खड़े होने की जगह नहीं थी। मैं बाहर निकल गया और मैंने वापस जाने का फैसला किया। एक अन्य यात्री ने कहा, ‘‘मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेन देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। मैंने इस स्टेशन पर पहली बार इतनी भीड़ देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को ‘स्ट्रेचर’ पर ले जाया गया।’’

भगदड़ से पहले और भगदड़ के बाद का देखें वीडियो

स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले कृष्ण कुमार जोगी ने बताया, ‘‘ पुल (फुटओवर ब्रिज) पर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोगों का दम घुटने लगा। करीब 10 से 15 लोगों की जान वहीं चली गई। मैंने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी। हमने प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 से शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया।

एक अन्य कुली बलराम ने घटना के संबंध में कहा, ‘‘हमने शवों को उन्हीं हाथगाड़ियों पर ढोया जिनका उपयोग हम सामान उठाने के लिए करते हैं। मैं 15 साल से कुली हूं, लेकिन इतनी भारी भीड़ मैंने पहले कभी नहीं देखी। लोगों की चप्पलें, जूते और अन्य सामान बिखरे हुए थे। हमने कई बच्चों और बुजुर्गों को भीड़ से बाहर निकाला।”

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