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आगरा के लाल किले के सामने मुर्गियों के पिंजरें में बंद होकर युवतियों ने काफी देर तक प्रदर्शन किया, लाल किला घूमने आए लोग प्रदर्शन को देखने लगे।

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ‘पेटा’ ने मुर्गियों के साथ हो रहे क्रूरता के खिलाफ अनोखे ढंग से प्रदर्शन किया। इस संस्था के लोग आगरा किले के सामने एक पिंजरे में कैद हो गए।

6 महिला वॉलेंटियर पिंजरे के अंदर बैठीं

पेटा के कार्यकर्ताओं ने आगरा किला के सामने एक बड़ा पिंजरा बनाया और उसमें छह महिला वॉलेंटियर बैठ गईं। पिंजरे में वॉलेंटियर को इसलिए बैठाया गया था कि लोगों को लगे कि इसी तरह से पिंजरे में मुर्गियों को कैद किया जाता है।

पिंजरें में मुर्गियां पंख तक नहीं फैला पातीं

पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (PETA) की कार्यकर्ता अनुष्का ने बताया, ‘मुर्गियों को अंडे देने के लिए मुर्गियों को छोटे-छोटे पिंजरे में कैद रखा जाता है। छोटे पिंजरों में मुर्गियां पंख तक नहीं फैला पाती हैं। मुर्गियों के पंख कमजोर हो जाते हैं। हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।’

गरम ब्लेड से काट दिया जाता है मुर्गियों के चोंच को

उन्होंने बताया, ‘इससे मुर्गियां गुस्से में आपस में लड़ने लगती हैं, जिससे वह घायल भी हो जाती हैं। मुर्गियां घायल ना हों इसके लिए उनकी चोंच को गरम ब्लेड से काट दी जाती है। इसके अलावा एक मुर्गी बायोलॉजिकल एक साल में 15 अंडे देती है, लेकिन केमिकल से 300 अंडे दिलवाए जाते हैं।’ अनुष्का ने कहा कि ‘मुर्गियों के साथ इस तरह की क्रूरता न हो इसके लिए प्रदर्शन किया है, ताकि लोग जागरूक हों।’

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