प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार 18 मार्च, 2025 को लोकसभा में जानकारी दी. बताया कि महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ की घटना की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने की और उनके (केंद्र) के पास ऐसी घटनाओं में हताहत हुए लोगों का आंकड़ा नहीं होता है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भगदड़ में मारे गए और घायल हुए लोगों की संख्या और कारणों की जांच के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और के. नामदेव के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए यह जानकारी शेयर की.
‘विधि व्यवस्था और पुलिस राज्य के विषय’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार विधि व्यवस्था और पुलिस राज्य के विषय हैं’. उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, भीड़ प्रबंधन, भक्तों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था, कार्यक्रमों के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की रोकथाम आदि लोक व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, जो कि राज्य का विषय है.
‘राज्य में हुए ऐसे हादसों का डेटा केंद्र के पास नहीं होता’
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित उत्तर में कहा, ‘किसी राज्य में भगदड़ सहित किसी भी प्रकार की आपदा की किसी भी प्रकार की जांच करना और मृत श्रद्धालुओं और घायल व्यक्तियों के परिवारों को वित्तीय सहायता का प्रावधान भी संबंधित राज्य सरकारों के दायरे में आता है. राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सक्षम हैं. ऐसा कोई डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है.’
पीएम मोदी ने महाकुंभ को लेकर लोकसभा में क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ को देश की शक्ति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हमने ये महसूस किया कि हमारा देश आने वाले 1,000 वर्षों के लिए किस तरह से तैयार हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘इतिहास में कुछ ऐसे पल आते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन जाते हैं. भक्ति आंदोलन के दौरान जिस तरह आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई थी वैसे ही महाकुंभ भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने वाला आयोजन है’. पीएम मोदी ने मॉरिशस का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जब उन्होंने महाकुंभ का पवित्र जल गंगा तालाब में अर्पित किया तो पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल बन गया.