केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने देश की रक्षा को मजबूत करने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण और बड़ा निर्णय लिया है. भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई -30 के लिए 26,000 करोड़ रुपये की लागत से 240 एयरो इंजन की खरीद के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. क्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
एक बयान में कहा गया है कि इन एयरो-इंजन की डिलीवरी एक साल बाद शुरू होगी और आठ सालों की अवधि में पूरी होगी. वायु सेना के सुखोई -30 MKI लड़ाकू विमानों के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से खरीदें श्रेणी के तहत 240 एयरो-इंजन (AL-31 FP) खरीद की जाएगी. इन विमानों की खरीद पर सभी करों और शुल्कों को मिलाकर 26,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा होगा.
इंजनों में 54 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी सामग्री
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन इंजनों में 54 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जो एयरो-इंजन के कुछ प्रमुख घटकों के स्वदेशीकरण के कारण बढ़ी है. इनका निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा. सुखोई-30 विमान वायुसेना के सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बेड़े में से एक है. HAL की तरफ से इन एयरो-इंजन की आपूर्ति वायुसेना के बेड़े की जरूरत को पूरा करेगी. इससे वेबगैर रुकावट के संचालन जारी रह सकेंगे और देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूत किया जा सकेगा.
3 हजार किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम
बात सुखोई -30 MKI की खासियत की करें तो ये एक रूसी मूल का ट्विन सीटर ट्विन इंजन मल्टीरोल फाइटर जेट है. यह 8 हजार किलोग्राम बाहरी हथियार के साथ वन एक्स 30 मिमी GSH गन ले जाने में सक्षम है. ये विमान हवा से जमीन और हवा से हवा में एक साथ टारगेट को अटैक कर सकता है. सुखोई -30 MKI 3 हजार किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है. इंडियन एयरफोर्स के पास करीब 260 से ज्यादा Sukhoi-30 MKI है.