इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के पास शराब की दुकान का लाइसेंस जारी करने और दुकान के बाहर खुलेआम शराब पीने की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई है. न्यायालय ने पुलिस और संबंधित अधिकारियों के रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आदेशों का पालन न करने वाले अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराए जाने के बाद ही कार्रवाई करनी पड़ेगी और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
यह आदेश पीठ ने स्थानीय निवासी दिनेश यादव और अन्य द्वारा दायर याचिका पर पारित किया. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वे आरएमएल अस्पताल के सामने वाली कॉलोनी में रहते हैं और पास ही मायर्स अस्पताल भी स्थित है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आबकारी विभाग ने मित्रलेखा वर्मा को शराब की दुकान का लाइसेंस जारी किया है. इस दुकान के बाहर शराब पीने वाले लोगों और उपद्रवियों की भीड़ के कारण निवासियों को लगातार असुविधा हो रही है.
इन स्थानों पर दायर नहीं हो सकता लाइसेंस- गौरव मेहरोत्रा
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय के 2008 के फैसले के अनुसार, किसी भी अस्पताल, मंदिर या आवासीय कॉलोनी के 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकान का लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि इस मामले में आबकारी विभाग ने मायर्स अस्पताल से मात्र 53 मीटर के भीतर शराब की दुकान का लाइसेंस जारी किया है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है.
अस्पताल में आने वाले मरीजों को हो रही परेशानी
मेहरोत्रा ने यह भी आरोप लगाया कि शराब की दुकान के बाहर खुलेआम शराब पीने वाले लोगों की भीड़ आसपास के लोगों और राहगीरों के लिए जीवन मुश्किल बना रही है. इससे न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है, बल्कि आसपास के निवासियों और अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है.
अधिकारियों की बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही
न्यायालय ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे अदालत के पिछले आदेशों का पालन सुनिश्चित करें और दुकान के संचालन और शराब पीने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखें. न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति राजीव भारती की पीठ ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी.
27 जनवरी निर्धारित की गई है मामले की अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को निर्धारित की गई है. न्यायालय ने यह भी कहा कि आदेशों का पालन सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है और आने वाली सुनवाई में इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मामले में पुलिस और आबकारी विभाग को आदेशों का पालन कर प्रभावित कॉलोनी और अस्पताल के आसपास की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखना होगा.
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