हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी विधायक सुरेंद्र पंवार को मनी लांड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया, जिसके तहत पंवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया गया था.
कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए पंवार को बरी करने के हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा.
सुरेंद्र पंवार को 20 जुलाई 2024 को हरियाणा के चुनाव से ठीक पहले अवैध माइनिंग और मनी लांड्रिंग के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था. पंवार की गिरफ्तारी ने उस समय हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी थी, और इसे चुनावी माहौल से जोड़कर देखा गया था.
हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
हालांकि, पंवार ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने 23 सितंबर 2024 को अपनी सुनवाई में पंवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया और मामले को खारिज कर दिया. इसके बाद 25 सितंबर 2024 को सुरेंद्र पंवार को जेल से रिहा कर दिया गया. इस फैसले के बाद ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन अब कोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट से भी मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पंवार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पंवार की गिरफ्तारी के समय ईडी के पास कोई ठोस सबूत नहीं था, जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने मनी लांड्रिंग में कोई संलिप्तता दिखाई थी.
इस फैसले को लेकर सुरेंद्र पंवार के वकीलों ने कहा कि यह न्याय की जीत है और यह साबित करता है कि राजनीति के दवाब में की गई कार्रवाई को अदालतों में चुनौती दी जा सकती है. वहीं पंवार के समर्थकों ने भी उनके साथ खड़े रहते हुए इस फैसले का स्वागत किया है. यह फैसला मनी लांड्रिंग और अवैध माइनिंग के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर अहम माना जा रहा है