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Sultanpur: उत्तर प्रदेश एसटीएफ को नशे के कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में मिली बड़ी सफलता, अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर 384 किलो अवैध गांजा बरामद किया

Sultanpur: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को नशे के कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शुक्रवार को बड़ी सफलता मिली. एसटीएफ ने अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 384 किलो अवैध गांजा बरामद किया है. बरामद गांजा की अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 96 लाख रुपये बताई जा रही है. यह खेप उड़ीसा से लाई जा रही थी और बहराइच में उतारी जानी थी.

गिरफ्तारी सुलतानपुर जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में भदईया ब्लॉक के सामने से दोपहर करीब 12:12 बजे की गई. पकड़े गए तस्करों में हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आरोपी शामिल हैं. तस्करों के कब्जे से गांजा लदे कंटेनर (RJ 11 GB 8224) तीन मोबाइल फोन आधार कार्ड, एटीएम, ड्राइविंग लाइसेंस और 2,000 नकद बरामद किए गए हैं.

गिरफ्तार तस्करों की पहचान-

नोमान- निवासी गोहपुर थाना हतीन जिला पलवल (हरियाणा)
अकरम खान – निवासी राधानगरी भरतपुर (राजस्थान)
रवि मिश्रा- निवासी खिरौरा मोहन थाना कोतवाली देहात जिला गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

पूछताछ में आरोपी रवि मिश्रा ने बताया कि वह इस गिरोह का सरगना है और उसका साथी राहुल निवासी बहराइच इसके संचालन में मदद करता है. राहुल ने ही कंटेनर चालक नोमान से संपर्क कर उड़ीसा के सोनपुर से गांजा लोड कराया था. योजना यह थी कि पेपर रोल की आड़ में गांजा को छिपाकर दिल्ली तक भेजा जाएगा और रास्ते में बहराइच में गांजा उतार दिया जाएगा. इस काम के लिए कंटेनर चालक को 800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया जाता था.

एसटीएफ को मिले थे खुफिया इनपुट

पिछले कुछ दिनों से एसटीएफ को उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से गांजा की तस्करी को लेकर खुफिया इनपुट मिल रहे थे. इसी आधार पर एसटीएफ लखनऊ की एक टीम को सुलतानपुर में लगाया गया था. अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में उ.नि. अमित तिवारी के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की.  स्थानीय पुलिस और क्षेत्राधिकारी लंभुआ की मदद से संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज 

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सुलतानपुर के कोतवाली देहात थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई  की जा रही है. भारत में गांजा एक नारकोटिक ड्रग है जिसकी खेती और व्यापार NDPS एक्ट 1985 के तहत प्रतिबंधित है उड़ीसा आंध्र प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों के पहाड़ी इलाकों में अब भी गुपचुप रूप से इसकी अवैध खेती होती है जो बाद में देश के अन्य हिस्सों में तस्करी कर बेची जाती है. इससे युवाओं में नशे की लत और अपराधों में बढ़ोतरी देखी जाती है.

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