देश के इतिहास में ऐसा तीसरी बार होने जा रहा है, जब स्पीकर के पद को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई और चुनाव कराने की नौबत आई है. सत्ता पक्ष यानी एनडीए की ओर से ओम बिरला और कांग्रेस की ओर से के सुरेश ने कल अपना-अपना नामांकन दाखिल किया. लोकसभा में स्पीकर चुनने के लिए सुबह 11 बजे वोटिंग होगी. विपक्ष के पास लोकसभा में संख्या बल नहीं है. वहीं, टीएमसी की तरफ से भी कहा गया है कि इसे लेकर उनसे सलाह मशवरा नहीं हुआ. इसके बाद भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.
के सुरेश की राह मुश्किल
स्पीकर चुनाव से पहले एनडीए की ओर से अपनी संख्या को एकजुट रखने की कोशिश है. नाश्ते के बाद वहीं से सब एक साथ संसद पहुंचेंगे. अगर ओम बिरला आज स्पीकर चुने जाते हैं तो ये भी एक ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि बीजेपी से लगातार दूसरी बार एक ही व्यक्ति का स्पीकर चुने जाने का ये पहला मौका होगा. वहीं, INDIA के उम्मीदवार के सुरेश केरल के मवेलीकारा से 8 बार के सांसद हैं, लेकिन उनकी राह इस चुनाव में कितनी मुश्किल है ये आपको समझाते हैं.
इंडिया गठबंधन को जीत के लिए चाहिए 271 वोट
543 सदस्यीय लोकसभा में फिलहाल 542 सांसद हैं. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वायनाड सीट खाली हो गई है. सदन में 293 सांसदों वाले NDA को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है, जबकि INDIA गठबंधन के पास 236 सांसद हैं. इसके अलावा निर्दलीय समेत अन्य 13 सांसद हैं. अगर ये 13 सांसद इंडिया गठबंधन को वोट देते हैं, तब भी संख्या 249 रह जाएगी, लेकिन स्पीकर पद का चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन को 271 वोटों की जरूरत होगी. उसके पास 22 सांसद कम हैं.
कैसे जीत सकता है इंडिया गठबंधन
INDIA ये चुनाव तभी जीत सकता है, जब NDA में शामिल JDU और TDP जैसे दल क्रॉस वोटिंग करें, जबकि दोनों दलों ने आज ही बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के साथ जाने का फैसला किया है. वहीं, सूत्रों से खबर ये भी है कि जगन मोहन की YSRCP भी ओम बिरला का समर्थन करेगी. 72 साल में तीसरी बार लोकसभा स्पीकर का चुनाव हो रहा है. पहला चुनाव 15 मई 1952 को हुआ था. दूसरा 5 जनवरी, 1976 हुआ और तीसरा 26 जून 2024 को होने जा रहा है.