Breaking News

Solar Magnetic Storm: करीब दो दशक के बाद पृथ्वी से सबसे शक्तिशाली सौर तूफान टकरा गया, जिस वजह से कई देशों में ध्रुवीय ज्योति (ऑरोरा) देखने को मिली, वैज्ञानिक दंग

Solar Storm in Ladakh: सूर्य से पृथ्वी की ओर बढ़े सौर चुंबकीय तूफानों के कारण लद्दाख के हेनले डार्क स्काई रिजर्व में आसमान गहरे लाल रंग की चमक से रोशन हो गया. सेंटर आफ एक्सीलेंस इन स्पेस साइंसेज इन इंडिया (सीईएसएसआई), कोलकाता के वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफान सूर्य के एआर13664 क्षेत्र से निकलते हैं, जहां से पूर्व में कई उच्च ऊर्जा सौर ज्वालाएं उत्पन्न हुई हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार इनमें से कुछ 800 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ीं.

उत्तरी गोलार्ध के उच्च अक्षांशों में आसमान शानदार ऑरोरा या नार्दन लाइट्स से जगमग हो गया जिसकी तस्वीरें और वीडियो ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवाकिया, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क और पोलैंड के स्काईवॉचर्स ने सोशल मीडिया पर साझा किए. लद्दाख में, हेनले डार्क स्काई रिजर्व के खगोलविदों ने शुक्रवार देर रात लगभग एक बजे से आकाश में उत्तर-पश्चिमी क्षितिज पर एक लाल चमक देखी जो सुबह होने तक जारी रही.

‘हम भाग्यशाली थे’

हेनले डार्क स्काई रिजर्व के इंजीनियर स्टैनजिन नोर्ला ने कहा, ‘हम भाग्यशाली थे कि हमने नियमित दूरबीन अवलोकन के दौरान अपने ऑल-स्काई कैमरे पर ऑरोरा गतिविधियां देखीं.’

उन्होंने कहा कि क्षितिज के किनारे किसी उपकरण की मदद के बिना भी एक हल्की लाल चमक दिखाई दे रही थी और इस घटना की तस्वीर हानले डार्क स्काई रिजर्व में लगाए गए एक डीएसएलआर कैमरे से ली गई. स्टैनजिन ने कहा, ‘यह देर रात लगभग एक बजे से तड़के 3:30 बजे तक आसमान में छाया रहा.’ उन्होंने कहा कि क्षितिज लाल हो गया और बाद में गुलाबी रंग में बदल गया.

कुछ घंटों तक दिखा असर

हानले में भारतीय खगोलीय वेधशाला के इंजीनियर दोरजे अंगचुक ने इस घटना को एक स्थिर ऑरोरल रेड आर्च के रूप में बताया है, जो लद्दाख के आसमान में एक दुर्लभ घटना थी. अंगचुक ने कहा, उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों के पास देखा जाने वाला अरोरा गतिशील घटनाएं हैं. ये बदलती रहतीं हैं लेकिन जो लद्दाख में देखा गया वह अधिक स्थिर था. स्थिर चमक कुछ घंटों तक आकाश में बनी रही.’

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता में सीईएसएसआई के प्रमुख दिब्येंदु नंदी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हेनले में ऐसी खगोलीय घटना दुर्लभ हैं क्योंकि यह सुदूर दक्षिण में स्थित है. अमेरिका का राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) इसे एक असामान्य घटना बता रहा है और कहा है कि ज्वालाएं सूर्य के एक ऐसे बिंदु से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं जो पृथ्वी के व्यास से 16 गुना बड़ा है.

About admin

admin

Check Also

संध्या थिएटर हादसे के बाद जेल जाकर बेल पर बाहर आने वाले अल्लू अर्जुन की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही, सवाल है कि आखिर क्यों? क्या तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अल्लू अर्जुन के जरिए अपना कोई बदला पूरा करना चाहते हैं?

संध्या थिएटर में हुए हादसे के बाद जेल जाकर बेल पर बाहर आने वाले अल्लू …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *