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Solar Eclipse 2024: अप्रैल में सूर्य ग्रहण भारत सहित कई देशों में, साल का पहला सूर्य ग्रहण कितना विशेष है, जानते हैं…

Solar Eclipse 2024: साल 2024 का पहला ग्रहण सोमवार, 8 अप्रैल, 2024 लगने जा रहा है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से सूर्य ग्रहण, नवरात्रि शुरू होने के एक दिन पहले लगेगा.

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है. लेकिन इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण कई मायनों में विशेष है, कैसे? आइए जानते हैं-

हिंदू पंचांग के अनुसार यह पूर्ण सूर्य ग्रहण 54 साल बाद पढ़ने जा रहा है. आखिरी पूर्ण सूर्य ग्रहण साल 1970 में पड़ा था. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, और सूर्य की छवि पृथ्वी पर दर्शकों के लिए धुंधली पड़ जाती है तो इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक अशुभ घटना मानी जाती है. ग्रहण कई प्रकार से शुभ नहीं बताया गया है. यही कारण के इसमे सूतक नियमों का पालन किया जाता है. जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी और नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है.

सूर्य ग्रहण पर इस बार ‘सूतक’ लगेगा या नहीं

एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर अनीष व्यास की मानें तो यह सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण के भांति ही भारत में नहीं दिखाई देगा. इस ग्रहण के भारत में नजर ना आने के कारण इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है.

भारत में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा. इसलिए सूतक नियम भारत में मान्य नहीं हैं. जो लोग इन मान्यताओं को मानते हैं अपने अनुसार नियमों का पालन कर सकते हैं.

सूर्य ग्रहण कहां कहां देखा जा सकेगा

सूर्य ग्रहण, अगर भारत में नजर नहीं आएगा तो यह ग्रहण कहां-कहां देखा जा सकेगा? साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण इन देशों में प्रमुखता से देखा जा सकता है-

  • कनाडा
  • मैक्सिको
  • संयुक्त राज्य अमेरिका
  • अरूबा
  • बरमूडा
  • कैरेबियाई नीदरलैंड
  • कोलंबिया
  • कोस्टा रिका
  • क्यूबा
  • डोमिनिका
  • ग्रीनलैंड
  • आयरलैंड
  • आइसलैंड
  • जमैका
  • नॉर्वे
  • पनामा
  • निकारागुआ
  • रूस
  • प्यूर्टो रिको
  • सेंट मार्टिन
  • स्पेन
  • बहामास
  • यूनाइटेड किंगडम
  • वेनेजुएला

सूर्य ग्रहण के समय कौन सा मंत्र बोलें 

सूर्य ग्रहण का सूतक काल और सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं है. लेकिन सावधानी बरतने के लिए सूतक काल के समय और ग्रहण कल के समय कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इन मंत्रों के जाप से मन को शांति तथा ग्रहण दोष से मुक्ति मिलती है.

  • ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्.
  • ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:.
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ.
  •  ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः.
  • विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्.
  •  तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
  •  ॐ सूर्याय नम:.
  •   ॐ घृणि सूर्याय नम:.
  •  ॐ हिरण्यगर्भाय नम:

चैत्र नवरात्रि से एक दिन पहले यानी चैत्र अमावस्या पर 8 अप्रैल 2024 को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. करीब 54 साल बाद पूर्ण सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है.

इतना ही नहीं ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों में ही इस सूर्य ग्रहण को बेहद दुर्लभ माना जा रहा है. पूर्ण सूर्य ग्रहण वाले दिन आसमान में 3 ऐसी अनोखी घटनाएं होंगी जो बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जानें सूर्य ग्रहण वाले दिन क्या-क्या होगा.

सूर्य ग्रहण पर होंगी ये 3 घटना

दिखाई देंगे शुक्र-गुरु ग्रह – सूर्य ग्रहण जहां दिखाई देगा वहां मौजूद लोग ग्रहण काल के दौरान सौर मंडल में मौजूद शुक्र (Venus) और बृहस्पति (Jupiter) ग्रह को सीधे देख पाएंगे. ये दोनों ग्रह धरती से नजदीक हैं लेकिन आम दिनों में इन्हें सामान्य तौर पर नहीं देखा जा सकता. शुक्र को सुख, विलासता, धन का कारक माना जाता है तो वहीं गुरु ग्रह ज्ञान, भाग्य, ऐश्वर्य, संतान, विवाह, धार्मिक कार्य, धन और दान-पुण्य आदि का कारक माना गया है.

आसमान से गायब हो जाएगा सूर्य – 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान एक समय ऐसा होगा जब 8 मिनट तक दोपहर में ही पूरा अंधेरा छा जाएगा. चांद पूरी तरह से सूर्य को ढक लेगा, जिससे उसकी किरणें धरती पर नहीं पहुंच पाएंगी. चंद्रमा के सबसे नजदीक होने के चलते ये 50 सालों का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. यहां सामान्य दिनों की तरह ही दिन में सूर्य दिखाई देगा.

सबसे खास होगा ‘शैतान’ धूमकेतु (Devil Comet) – वैज्ञानिकों को इस सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि ग्रहण के दौरान ‘शैतान’ धूमकेतु भी नजर आने वाला है. खगोलविदों के अनुसार 8 अप्रैल को आग के गोले के रूप में चल रहा यह शैतान धूमकेतु सूरज के नजदीक होगा जिसे सीधी तौर पर देखा जा सकता है.

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