Sitaram Yechury Dealth:- सीपीआई एम के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया. येचुरी 72 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे. उन्होंने गुरुवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली.
सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर परसों सीपीएम दफ्तर लाया जाएगा. येचुरी ने अपना शरीर रिसर्च और टीचिंग के लिए डोनेट कर रखा है, इसलिए दफ्तर से वापस इसे एम्स ले जाया जाएगा.
सीताराम येचुरी को दिल्ली एम्स के ICU में एडमिट किया गया था, यहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा था. येचुरी पिछले कुछ दिनों से रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर थे, डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी. येचुरी ने 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था.
19 अगस्त को एम्स दिल्ली में एडमिट किए गए थेp येचुरी
सीताराम येचुरी को 19 अगस्त को एम्स नई दिल्ली के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट किया गया था. उन्हें निमोनिया और चेस्ट इंफेक्शन की शिकायत थी. इसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. इससे पहले मंगलवार को सीपीआई-एम ने बयान जारी कर कहा था,येचुरी को आईसीयू में रखा गया है, जहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा है.
सीताराम येचुरी से जुड़ी अहम बातें
1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए.
1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बने.
उन्होंने जेएनयू में वामपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया.
1977 से 1978 तक जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे
छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुए पार्टी में कई पदों पर काम किया
1978 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त-संपादक बने.
1984 में CPIM की केंद्रीय समिति में शामिल हुए.
19 अप्रैल 2015 को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने.
2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला.
पार्टी में युवाओं को आगे बढ़ाने में उनका काफी योगदान रहा.
राहुल गांधी-ममता बनर्जी ने जताया दुख
सीताराम येचुरी के निधन पर राहुल गांधी ने दुख जताया है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, सीताराम येचुरी जी दोस्त थे. उन्हें भारत की गहरी समझ थी और वे भारत की विचारधारा के रक्षक थे. मैं उनके साथ लंबी बातचीत को मिस करूंगा. उनके परिवार, दोस्तों औऱ समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी येचुरी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, सीताराम येचुरी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उनका निधन देश की राजनीति को बड़ा नुकसान है. मैं उनके परिवार, दोस्तों और करीबियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं.