नगर कोतवाली गंगाघाट से 200 मीटर दूरी और बालूघाट चौकी से 20 कदम की दूरी पर मनोहर नगर मोहल्ले में रह रहा साहिल का परिवार और जिसे कानपुर पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा जाता है और कानपुर कोतवाली पुलिस द्वारा पहचानपत्र या आधार कार्ड मांगा जाता है न मिलने पर पुलिस को शक होता है तो पुलिस उसे लेकर जब उसके घर पहुंचती है तो उसे मालूम होता है कि साहिल का परिवार अवैध रूप से घुसपैठ कर अनाधिकृत रूप से मनोहर नगर में झोपड़ी बनाकर रह रहा है।
जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश के सभी जिलो में रोहिंग्या बंग्लादेशियों की पहचान कर सत्यापन किया जा रहा है। वही गंगाघाट पुलिस और उन्नाव खुफिया विभाग बहुत पीछे है गंगाघाट खुफिया विभाग से तैनात अधिकारी भी उसी धर्म विशेष से ताल्लुक रखते है। गौरतलब है बहुत से बांग्लादेशी या पाकिस्तानियो घुसपैठियों का जमावड़ा हो सकता है।
गंगाघाट के मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लो में जांच की जाए तो बहुत सारे बंग्लादेशी पकड़े जा सकते है पता नहीं शासन का ध्यान इस ओर क्यों नहीं जाता। उन्नाव जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इन मुस्लिम नगरों में दस्तावेज चेक किए जाए। अभी और भी विदेशी घुसपैठिए पकड़े जाएंगे ये यहां छुपकर रिश्तेदारों के माध्यम से यहां रह रहे हैं। गंगा किनारे व अन्य मुस्लिम नगरों के दस्तावेज चेक किए जाए। बहुत से घुसपैठिए विभिन्न प्रकार के कार्य करते हुए मिल जाएंगे। पकड़ा गया रोहिंग्या आखिर किसकी मदद से झोपडी बनाकर रह रहा था उसकी जाँच बहुत आवश्यक है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय सभासद के सहयोग से उक्त रोहिंग्या रहकर ऑटो चला रहा था। कानपुर पुलिस 2 से ढाई घंटे तक मनोहर नगर में जाँच करती रही और गंगाघाट पुलिस मीडिया को गुमराह करती रही कि जेई की शिकायत है गंगा किनारे रहने वाले कुछ लोग जियो ट्यूब बैग को नुकसान पहुंचा रहे है उसकी जाँच चल रही है जबकि उक्त रोहिंग्या अपने कई रिश्तेदारों के साथ रह रहा है उनकी भाषा भी अलग है जो सामान्यतः समझना मुश्किल है लेकिन विचारणीय है कि जहाँ इंच-इंच जमीन के लिए झगड़े होते हो, वहाँ आखिर कौन उन्हें बसा रहा है जो बिना क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के सम्भव नहीं है जिसकी राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए और अहमद नगर, रहमत नगर, गोताखोर, इस्लाम नगर, राजीव नगर खंती, आदि मोहल्ले की गहन जाँच कर सत्यापन अवश्य होना चाहिए और खुफिया विभाग के कर्मी की कार्यशैली गंगाघाट में संदिग्ध है खुफिया तंत्र के फेल होने से प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है।