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शशि थरूर – “हमें उम्मीद है कि इस आतंकी हमले को अंजाम देने वालों और उन्हें फंडिंग करने, प्रशिक्षित करने, तैयार करने और गाइड करने वालों ने सबक सीख लिया होगा….”

सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में दौरा कर रहा है. शशि थरूर की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के लोगों से आतंकवाद के खिलाफ जंग में सहयोग मांगा. इस दौरान थरूर ने कहा कि यह भारतीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को यह संदेश देने के लिए आया है कि हम पर हमला हुआ तो अब चुप नहीं बैठेंगे.

अमेरिका में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ आपसी एकजुटता और मजबूती के साथ खड़े होने का आह्वान किया. उन्होंने 9/11 मेमोरियल के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 9/11 मेमोरियल का दौरा इस बात की याद दिलाता है कि अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद का शिकार है. उन्होंने कहा, “हम भारत में भी उन्हीं जख्मों से पीड़ित हैं, जिनके निशान आज आप इस मार्मिक स्मारक में देख रहे हैं. हम एकजुटता की भावना से आए हैं, हम एक मिशन पर भी आए हैं.”

हमें पाक के साथ जंग में दिलचस्पी नहींः शशि थरूर

वाणिज्य दूतावास में बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, “हमें पाकिस्तान के साथ जंग में कोई दिलचस्पी नहीं है. हम अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और अपने लोगों को 21वीं सदी की दुनिया में लाने के लिए अकेले रहना पसंद करेंगे. लेकिन, दुर्भाग्य से पाकिस्तानियों, हम भले ही यथास्थितिवादी ताकत (Status Quo Power) हों, लेकिन वे नहीं हैं. वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की चाह रखते हैं और वे इसे किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं. अगर वे इसे पारंपरिक तरीकों से हासिल नहीं कर सकते, तो वे आतंकवाद के जरिए हासिल करना चाहते हैं और यह स्वीकार्य नहीं है.”

2015 के वाकये का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, “जनवरी 2015 में भारतीय एयरबेस पर हमला हुआ था और हमारे प्रधानमंत्री ने इससे पिछले महीने में पाकिस्तान का दौरा किया था. इसलिए जब यह हुआ, तो वे इतने हैरान हुए कि उन्होंने वास्तव में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन किया और कहा, आप जांच में शामिल क्यों नहीं होते? आइए पता लगाते हैं कि यह कौन कर रहा है.”

“इस विचार से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के आतंक की कल्पना करें कि पाकिस्तानी जांचकर्ता भारतीय एयरबेस पर आएंगे, लेकिन, लेकिन वे आए और वे वापस पाकिस्तान चले गए और कहा, ये सब भारतीयों ने खुद किया है. मुझे डर है कि हमारे लिए, 2015 उनके लिए सही व्यवहार करने, सहयोग करने और वास्तव में यह दिखाने का आखिरी मौका था कि वे आतंकवाद को खत्म करने के लिए गंभीर हैं, जैसा कि उन्होंने हर बार दावा किया था.”

‘हमला करने वाले दुष्ट ताकतों के खिलाफ हम तैयार’

इससे पहले 9/11 मेमोरियल के बाहर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की अगुवाई में अमेरिका में मौजूद प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अमेरिका के देशों गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया का भी दौरा करेगा. थरूर ने कहा, “हम दुनिया को यह समझाने में सक्षम होने की उम्मीद कर रहे हैं कि आतंकवाद के संकट के खिलाफ सभी का एक साथ खड़ा होना कितना अहम है. जिस तरह अमेरिका ने 9/11 के बाद अपना दृढ़ संकल्प दिखाया, उसी तरह हमारा देश भी 22 अप्रैल को हम पर हमला करने वाली दुष्ट ताकतों के खिलाफ खड़ा है.”

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस आतंकी हमले को अंजाम देने वालों और उन्हें वित्तपोषित करने, प्रशिक्षित करने, तैयार करने और निर्देशित करने वालों ने सबक सीख लिया होगा. साथ ही हम दुनिया को यह भी बता देना चाहते हैं कि अगर ऐसा दोबारा हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम चाहते हैं कि दुनिया यह समझे कि यह उदासीनता का वक्त नहीं है, बल्कि आपसी ताकत और आपसी एकजुटता दिखाने का वक्त है, ताकि हम सभी एकजुट होकर उन मूल्यों के लिए खड़े हो सकें जिन्हें अमेरिका ने हमेशा संजोया है.”

‘ये लोग कहां रहते, कौन प्रशिक्षित करता है’

भारत में बार-बार हो रहे आतंकवादी हमलों पर शशि थरूर ने इस बात को रेखांकित किया कि “आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए, यही नहीं हम इस नए तरह के अत्याचार को अंजाम देने वालों की तलाश भी बंद नहीं करने जा रहे हैं.”

पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, “हमें यह सोचने की जरूरत है कि ये लोग कहां रहते हैं, आखिर उनके पास सुरक्षित ठिकाने कहां पर हैं, उन्हें कहां प्रशिक्षित किया जाता है, कैसे तैयार किया जाता है, फंडिग कहां से होती है, कौन निर्देशित करता है, कौन हथियारबंद देता है, और अक्सर सीधे-सीधे निर्देशित भी किया जाता है. इन भयावह घटनाओं को अंजाम देने के लिए, और उन्हें भी जो कुछ भी करना है, उसके लिए जवाबदेह होना चाहिए.”

‘पाकिस्तान में 52 लोग या संगठन UN से प्रतिबंधित’

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित किए जाने को लेकर थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि पाकिस्तान में करीब 52 लोग और संगठन हैं जिन्हें किसी न किसी समय संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा लिस्टेड किया गया है. कुछ और अधिक डायरेक्टली काम करने की जरूरत है, हम अब खुद को केवल लिस्टिंग करने, कूटनीति करने, इंटरनेशनल डोजियर बनाने तक ही सीमित नहीं रखने जा रहे हैं. हम आत्मरक्षा के अपने अधिकार का भी प्रयोग करने जा रहे हैं, जिसे हर देश मान्यता देता है.”

अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों से अपनी अपेक्षाओं के बारे में कांग्रेस नेता थरूर ने कहा, “आप इस देश में एक बहुत प्रभावशाली प्रवासी हैं. आप सिर्फ संख्या में ही नहीं हैं. आप समृद्ध हैं. आपकी आवाज असरदार है. आप सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं. आप राजनीति में भी सक्रिय हैं. हम चाहेंगे कि आप इस देश में जनता की राय और राजनीतिक राय को इस बारे में संवेदनशील बनाने में मदद करें कि क्या हो रहा है और यह कितना गलत है, और निश्चित रूप से हम प्रवासी समुदाय से यह अपेक्षा करेंगे कि वे उस संदेश को समझें जिसके लिए हम यहां आए हुए हैं.”

‘भारत की चुनौतियों को यहां के लोगों के बीच रखें’

उन्होंने कहा, “आप असल में हमारे लिए एक शक्ति गुणक हैं. हम आते हैं और जाते हैं, लेकिन आप यहीं पर रहते हैं, और ऐसे हम चाहते हैं कि आप निश्चित रूप से अपने आस-पास के लोगों को याद दिलाएं कि भारत किन तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है.”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास पासवान), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बालयागी (तेलुगू देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर के लता (सभी बीजेपी से), मल्लिकार्जुन देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं.

यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के कई देशों में आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने को लेकर भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ रुख को सामने रख रहा है. वे अपनी पहुंच के दौरान वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता के भारत के मजबूत संदेश को लेकर जाएंगे.

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