उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कुम्हरा गांव में एक दिलचस्प और चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है. यहां ग्राम प्रधान मंजू कुमारी ने न केवल सरकारी धन की जमकर लूट की, बल्कि इस घोटाले को बड़े ही चालाकी से अंजाम भी दिया. मामले में ग्राम प्रधान ने मुस्लिम समुदाय के युवकों के जॉब कार्ड में हिंदू समुदाय के युवकों के नाम जोड़ दिए और फिर तीन साल तक मनरेगा के तहत किए गए कार्यों का भुगतान उन युवकों के खातों में कर दिया. जब यह घोटाला उजागर हुआ तो प्रशासन की नींद खुली और तुरंत कार्रवाई की गई.
यह घोटाला पहले गांव कुम्हरा के कुछ लोगों ने सामने लाया, जिन्होंने प्रधान पर सरकारी धन हड़पने का आरोप लगाया. आरोप था कि प्रधान ने नियमों की धज्जियां उड़ाई और अपने वित्तीय अधिकारों का दुरुपयोग किया. इसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की और यह सच्चाई सामने आई. ग्राम प्रधान ने मुस्लिम समुदाय के तीन जॉब कार्ड धारकों के नाम में हिंदू युवकों के नाम जोड़ दिए और उनका इस्तेमाल मनरेगा कार्यों का भुगतान करने के लिए किया. यह धोखाधड़ी तीन साल तक चलती रही.
घोटाले का खाता खुला, रकम भी सामने आई!
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ग्राम प्रधान ने तीन साल तक मनरेगा कार्यों का भुगतान हिंदू युवकों के खातों में किया. इस घोटाले में 1,49,011 रुपए की गड़बड़ी हुई है. यह एक बड़ी रकम है, जिसे ग्राम प्रधान ने अपनी चालाकी से हड़प लिया. घोटाले के बाद प्रशासन ने बिना देर किए कार्रवाई शुरू कर दी. ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार तुरंत सीज कर दिए गए और मामले में शामिल दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कदम उठाए गए. जांच में यह भी सामने आया कि इस समय तैनात ग्राम पंचायत सचिव छेदालाल, शालिनी वर्मा, अजय वंश और भगवान दास भी इस घोटाले में शामिल थे. इन सभी को दोषी ठहराया गया है.
कड़ी सजा का आश्वासन
अब जब घोटाले का पर्दाफाश हो चुका है तो प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है. यह घोटाला यह साबित करता है कि सरकारी धन का दुरुपयोग और जनता के अधिकारों की चोरी नहीं की जा सकती. अब जिला प्रशासन इस मामले की गहरी जांच कर रहा है और जल्द ही दोषियों को सजा दिलवाने की उम्मीद है.