लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में सोमवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक ही टेबल पर एक साथ बैठे थे. सभी को तीन अहम शर्तों पर जमानत दी गई है, जिनके बारे में वकील वरुण जैन ने जानकारी दी.
लैंड फॉर जॉब मनी लॉन्ड्रिंग केस के वकील वरुण जैन इस मामले पर बताया कि जमानत तीन शर्तों पर दी गई है. उन्होंने कहा, ‘पहला 1 लाख रुपये का जमानत बॉन्ड, दूसरा, गवाह से छेड़छाड़ नहीं करना और तीसरा उन्हें भारत से बाहर जाने के लिए पहले कोर्ट की इजाजत लेनी होगी. क्योंकि उनके लालू प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पासपोर्ट पहले कोर्ट में जमा कर दिए गए हैं, इसलिए इस स्पेशल मामले में पासपोर्ट जमा करने की कोई जरूरत नहीं है.
अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी
वकील ने आगे बताया कि अदालत ने कहा है डॉक्यूमेंट्स की जांच के लिए मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को रखी गई है, जिससे की दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा सके. तेजस्वी यादव ने जमानत मिलने के बाद कहा कि ये मामला राजनीतिक है. केस में कोई दम नहीं है, ये हमारे खिलाफ साजिश है. कोर्ट पर भरोसा है. उसने हमें जमानत दी है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम मामला?
दरअसल लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि जब साल 2004 से 2006 तक वह देश के रेल मंत्री थे. तब उन्होंने अपने पद को फायदा उठाकर रेलवे में ग्रुप D की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया था. ऐसी नौकरियों के लिए किसी तरह का पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था और यह जमीन उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर डीड के जरिए ये जमीन ट्रांसफर की गईं.