इस साल गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित परेड में झारखंड की झांकी में राज्य की ओर से रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी जाएगी. झारखंड अपनी झांकी में उद्योगपति और देश के पहले इस्पात शहर जमशेदपुर के सूत्रधारों में से एक दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को राज्य की ओर से श्रद्धांजलि देगा. झारखंड उन 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल है जो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी झांकियां प्रदर्शित करेंगे.
झारखंड सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्य ने अपनी समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक विविधता और विकासात्मक प्रगति को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयारियां की हैं. बयान में कहा गया है, ‘इस साल झारखंड की झांकी में राज्य के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को राज्य की श्रद्धांजलि प्रदर्शित की जाएगी.’
2023 में बाबा बैद्यनाथ मंदिर को दर्शाया गया था
साथ ही कहा गया है कि राज्य की जीवंत संस्कृति, पारंपरिक नृत्य और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के बढ़ते सशक्तिकरण पर भी प्रकाश डाला जाएगा. चयन प्रक्रिया के दौरान झांकी के डिजाइन की रचनात्मकता और प्रासंगिकता की सराहना की गई है. पिछले साल गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी राज्य की पहचान के अन्य पहलुओं पर केंद्रित रही थी.
टाटा समूह के संस्थापक पर है जमशेदपुर का नाम
बयान के मुताबिक चयनित राज्यों को 19 जनवरी 2025 तक अपनी झांकियां पूरी करनी हैं. साथ ही 23 जनवरी को पूर्ण पूर्वाभ्यास निर्धारित है. दिवंगत रतन टाटा का योगदान झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है, जो एक पिछड़ा क्षेत्र था और 2000 में एक राज्य बना. टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के नाम पर झारखंड के इस शहर का नाम जमशेदपुर रखा गया.
यह दिवंगत रतन टाटा की दूरदृष्टि थी जिसने जमशेदपुर के विकास को गति दी और इसे वैश्विक मानचित्र पर ला खड़ा किया. उन्होंने पहली बार 1963 में जमशेदपुर का दौरा किया था, ताकि यह देख सकें कि टाटा स्टील, कैसे काम करती है. इसके बाद उन्होंने 1965 में अपने प्रशिक्षण कौशल को निखारने के लिए शहर का दौरा किया. रतन टाटा 1993 में टाटा स्टील के चेयरमैन बने. उनका पिछले साल नौ अक्टूबर को निधन हो गया.