दिल्ली-NCR में लागू ग्रैप-4 को हटा लिया गया है. गुरुवार को प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एएसजी ने ब्रीफ नोट पेश किया. ब्रीफ नोट को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में लागू ग्रैप-4 को हटाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के सवाल पर एएसजी ने ब्रीफ नोट दिया था, जिसमें AQI स्तर का ब्यौरा भी था.
एएसजी द्वारा पेश किए गए ब्रीफ नोट में बताया गया कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर में सुधार है. यह और भी कम हो रहा है. ऐसे में हम ग्रैप तय करने का जिम्मा CAQM पर छोड़ते हैं. हालांकी उचित यहीं होगा कि ग्रैप-2 के स्तर से नीचे आयोग नहीं जाए.
कब लागू किया जाता है ग्रैप-4?
बता दें कि ग्रैप-4 तब लगाया जाता है, जब AQI 450 से अधिक हो जाता है. इसमें सभी निर्माण कार्य पूरी तरह से रोक दिए जाते हैं. स्कूलों को बंद कर दिया जाता है और निजी वाहनों के लिए ऑड-ईवन योजना तक सख्त वाहन प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं.
दिल्ली-NCR में प्रदूषण से था बुरा हाल
हर साल ठंड की शुरुआत होते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन जाता है, जिससे निपटने के लिए सरकार हर साल लाखों दावे तो करती है, लेकिन वो फिसड्डी ही साबित होते हैं. इस साल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. नवंबर की शुरुआत के साथ ही दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी थी.
इस सीजन में दिल्ली की हवा सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के आसपास पहुंच गया था. यह अब तक की सबसे खराब श्रेणी था. प्रदूषण की वजह से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ही दिल्ली में ग्रैप-4 लागू कर दिया गया था.
डॉक्टरों के यहां लग रही थी लंबी लाइन
कुछ समय पहले तक पूरा दिल्ली-NCR प्रदूषण से हाफ रहा था. दिन भर आसमान में धुआं ही धुआं छाया रहता था. सुबह-सुबह धुधं के चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम देखने को मिलता था. इसके साथ ही लोग स्वास्थ की समस्या से भी जूझ रहे थे. खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या डॉक्टरों के यहां बढ़ गई थी. वहीं आंख में जलन की समस्या को लेकर भी मरीज काफी संख्या में डॉक्टर के यहां चक्कर काट रहे थे.
ग्रैप-4 में क्या-क्या रहता है बैन?
- दिल्ली में डीजल से चलने वाले ट्रकों की एंट्री बंद हो जाती है.
- दिल्ली के बाहर के कर्मिशियल वाहनों पर रोक रहती है.
- निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
- कक्षा 12 तक के स्कूलों को ऑनलाइन मोड पर चलाया जाता है.
- सरकारी और प्राइवेट ऑफिस वर्क फ्रॉम होम मोड में चलते हैं.