परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान ने एक बार फिर अमेरिका को चेताया है और साफ कर दिया है कि वो किसी भी दबाव के आगे सरेंडर नहीं करेंगे. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ वर्तमान स्थिति अनसुलझी है. तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी शक्तियों के साथ गतिरोध के बीच वॉशिंगटन के दबाव में कभी नहीं झुकेगा. ये जानकारी रविवार (24 अगस्त, 2025) को ईरानी स्टेट मीडिया की ओर से दी गई है.
जून, 2025 में 12 दिनों के युद्ध के दौरान अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की गई थी, जिसके बाद इस्लामिक गणराज्य ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता स्थगित कर दी थी.
यूरोपीय देशों को लेकर खामेनेई ने क्या कहा
अयातुल्ला अली खामेनेई की यह टिप्पणी ईरान और यूरोपीय देशों की तरफ से शुक्रवार को तेहरान के परमाणु संवर्धन कार्य पर अंकुश लगाने के लिए पूर्ण वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति के बाद आई है. खामेनेई ने कथित तौर पर कहा, “वे चाहते हैं कि ईरान अमेरिका का आज्ञाकारी बने. ईरानी राष्ट्र ऐसी गलत उम्मीदें रखने वालों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से खड़ा रहेगा.”
फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने दी धमकी
ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा कि जो लोग हमसे अमेरिका के खिलाफ नारे न लगाने और अमेरिका के साथ सीधी बातचीत करने के लिए कहते हैं, वे सिर्फ़ दिखावा करते हैं, क्योंकि यह मुद्दा अनसुलझा है. बता दें कि यूरोपीय देश फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने कहा है कि अगर तेहरान बातचीत की मेज पर वापस नहीं आता है तो वे स्नैपबैक व्यवस्था ( इसका अर्थ है कि प्रतिबंधों से राहत को रद्द किया जा सकता है और मूल प्रतिबंधों को फिर से लागू किया जा सकता है) के तहत ईरान पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को फिर से लागू कर सकते हैं.
अमेरिका समेत यूरोपीय देशों का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है, जबकि तेहरान का कहना है कि वो केवल परमाणु ऊर्जा विकसित करने में लगे हैं.