नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मेमोरियल को लेकर सरकार ने उनके परिवार से चर्चा की है। उनके परिवार को कुछ विकल्प भी दिए गए हैं, जिसमें स्मृति स्थल का भी विकल्प है। हालांकि इसके लिए ट्रस्ट बनाना जरूरी है।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। सिंह ने देश के वित्त मंत्री के तौर पर भी काम किया था। प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान मॉरीशस समेत कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ था।
बड़ी बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि
मनमोहन सिंह का शनिवार को दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ समेत कई नेताओं ने निगम बोध घाट पर पहुंच कर पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बड़ी बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी। इसी के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सदा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए।
मनमोहन सिंह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे- सोनिया
कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को अपने लिए बड़ी व्यक्तिगत क्षति करार दिया। उन्होंने कहा कि वह उनके लिए ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक’ थे। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे तथा आभारी रहेंगे कि मनमोहन सिंह ऐसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।