राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में कृष्ण धाम सांवलिया सेठ का प्रसिद्ध मंदिर है। सांवलिया सेठ मंदिर में छठवें दिन भी चढ़ावे की गिनती की गई। सांवलिया सेठ के दरबार में 34 करोड़ 91 लाख रुपये से अधिक (करीब 35 करोड़) का भक्तों द्वारा दान किया गया है। भक्तों के इस दान में ढाई किलो से अधिक सोना, करीब 188 किलो चांदी भी दी गई है। मंदिर प्रशासन को मिला ये दान अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।कई चरणों में की गई चढावे की गिनती
मंदिर में इस बार भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। भक्तों ने मंदिर के कोष में जमकर दान दिया है। सांवलिया सेठ मंदिर के खजाने में दान की बड़ी मात्रा के कारण कई चरणों में गिनती की जा रही है। हर महीने की अमावस्या को होने वाली गिनती की प्रक्रिया इस बार कई चरणों में की गई है।
अब तक का सबसे अधिक धान
भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर में हाल ही में खजाने की गिनती के दौरान रिकॉर्ड दान किए जाने की जानकारी सामने आई है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि सांवलिया सेठ के भेंट कक्ष कार्यालय में नकद व मनीऑर्डर के रूप में 25 करोड़ 61 लाख 67 हजार 581 रुपये कैश मिले हैं। ऑनलाइन के रूप में 30 लाख 27 हजार 427 रुपये दान में दिए गए हैं। कुल चढ़ावा करीब 35 करोड़ रुपये का है। इसमें सोना, चांदी और विदेश मुद्राएं अलग से हैं। सांवलिया सेठ मंदिर में ये दान अब तक का सबसे अधिक है।
कहां है ये मंदिर?
बता दें कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर भक्तों के बीच अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। ये मंदिर चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़-उदयपुर नेशनल हाइवे पर स्थित है।
क्या है सांवलिया सेठ मंदिर की मान्यता?
इस मंदिर की मान्यता है कि जितना चढ़ावा चढ़ाया जाएगा, भगवना सांवलिया सेठ उतना ही धन दान में देंगे। यहां पर अमूमन व्यापारी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में आकर मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं।