राजस्थान में स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में यह सामने आया है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उच्च अधिकारियों ने राजनेताओं के साथ मिलकर शिक्षक भर्ती सहित विभिन्न सरकारी परीक्षाओं में व्यापक फर्जीवाड़ा किया।
शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर शिक्षा संकुल से एक करोड़ रुपये में जयपुर के एक निजी स्कूल संचालक को बेचा गया, जिसने बाद में पैसे लेकर सैकड़ों लोगों को यह पेपर उपलब्ध कराया। एसओजी ने 2018 और 2022 में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले 123 शिक्षकों के खिलाफ रविवार को मुकदमा दर्ज किया है। अब इन शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू होगी।
कितने लोगों को किया गया गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में भी पेपर लीक, डमी कैंडिडेट बिठाने और दस्तावेजों में फर्जीवाड़े के मामले में एसओजी ने 120 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 54 प्रशिक्षु एसआई शामिल हैं।
हाल ही में, तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत को भी गिरफ्तार किया गया है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े में 202 लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय से पैसे देकर फर्जी डिग्रियां प्राप्त की थीं।
फर्जी तलाक के आधार पर ले ली नौकरी
राजस्थान सरकार की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में फर्जी तरीके से तलाक लेकर सरकारी नौकरी हासिल करने वाली 12 महिलाओं के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि फर्जी तलाक से नौकरी हासिल करने के मामले की जांच भी एसओजी से कराई जाएगी।
अब तक 12 महिलाओं के खिलाफ शिकायत मिली है। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भर्ती सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।