उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में आज न्याय की जीत हुई है। रेप के बाद 8 साल की नाबालिग बच्ची की हत्या और उसके शव के 10 टुकड़े कर थैली में भरने के मामले में उदयपुर पॉक्सो-2 कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी 21 वर्षीय युवक कमलेश राजपूत को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही उसके मामा-पिता को साक्ष्य मिटाने व सहयोग करने के मामले में 4-4 साल की सजा सुनाई हैं।
चॉकलेट देने के बहाने घर ले गया आरोपी
बता दें कि 8 दिन पहले मुख्य आरोपी 21 वर्षीय युवक कमलेश राजपूत सहित उसके मामा-पिता को साक्ष्य मिटाने व सहयोग करने के आरोप में दोषी करार दिया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी चॉकलेट देने के बहाने बच्ची को घर लेकर गया था। इसके बाद रेप कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी। फिर उसके हाथ-पैर, धड़ सहित शव के 10 टुकड़े कर बोरे में भरकर घर से करीब 200 मीटर दूर एक खंडहर में फेंक आया था। आरोपी मृतक बच्ची के घर के पास ही रहता था और वह बच्ची इसे भैया कहकर बुलाती थी। साथ ही बच्ची रक्षा बंधन पर उसे राखी भी बांधती थी।
शरीर के किए थे 10 टुकड़े
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी कमलेश ने घर के बाथरुम में ही पत्थर-छुरी से बच्ची के हाथ-पैर, धड़ सहित पूरे शरीर के अलग-अलग 10 टुकड़े किए थे। फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग थैली में भरा था। थैलियों को टॉयलेट में छिप दिया था। कमलेश के माता-पिता को घटना की खबर दूसरे दिन 30 मार्च को लगी थी। तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था। रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से करीब 200 मीटर दूर बने खंडहर में फेंकने गया था। इस बीच कमलेश का पिता रामसिंह घर के बाहर ओर मां किशन कंवर खंडहर के बाहर खड़ी रही, ताकि आने-जाने वालों से बेटे को सतर्क कर सकें।