दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार 8 फरवरी को जारी कर दिए गए हैं। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है और 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी की है। वहीं, आम आदमी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। इसके अलावा कांग्रेस लगातार तीसरी बार दिल्ली में अपना खाता नहीं खोल सकी। अब दिल्ली के चुनाव परिणाम और कांग्रेस के प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का बयान सामने आया गया है।
दिल्ली चुनाव परिणाम पर राहुल गांधी ने कहा- “दिल्ली का जनादेश हम विनम्रता से स्वीकार करते हैं। प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके समर्पण और सभी मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद। प्रदूषण, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध – दिल्ली की प्रगति और दिल्लीवासियों के अधिकारों की यह लड़ाई जारी रहेगी।”
किसने कितनी सीटें जीतीं?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। वहीं, 10 साल बाद आम आदमी पार्टी की सत्ता से विदाई हो गई है। चुनाव में भाजपा को दिल्ली की 70 में से 48 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं, आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर सिमट कर रह गई है। वहीं, कांग्रेस को लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई।
काग्रेस के 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। दिल्ली की 70 में 67 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। हालांकि, कांग्रेस ने वोट हिस्सेदारी में दो प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। उसने करीब 6.4 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उसे 4.26 प्रतिशत वोट मिले थे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता हासिल कर ली है। वहीं, आम आदमी पार्टी की 10 साल की सत्ता समाप्त हो गई है। भाजपा ने दिल्ली की 70 में से 48 सीटें जीती तो वहीं, आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई। अगर बात कांग्रेस की करें तो दिल्ली में लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 0 सीटें हासिल हुई हैं। बड़ी बात ये भी है कि दिल्ली की 70 में 67 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई है। आइए जानते हैं वो कौन की 3 सीटें हैं जहां कांग्रेस की जमानत बची।
कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा
कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 70 में से सिर्फ तीन सीटों पर ही अपनी जमानत बचा सकी और लगातार तीसरी बार चुनाव में उसका खाता तक नहीं खुला। हालांकि, कांग्रेस ने वोट हिस्सेदारी में दो प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। उसने करीब 6.4 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उसे 4.26 प्रतिशत वोट मिले थे। बता दें कि दिवंगत नेता शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगातार तीन चुनाव 1998 (52 सीटें), 2003 (47 सीटें), और 2008 (43 सीटें) में दिल्ली में जीत हासिल की थी और 15 साल तक सत्ता में रही थी। हालांकि, इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस का ग्राफ गिरता चला गया।
इन सीटों पर बची जमानत
- बादली सीट पर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव को कुल 41071 वोट मिले। यहां वह तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 27 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले।
- कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त दूसरे स्थान पर भी रहे। दत्त ने 27019 वोट हासिल किए। उन्हें करीब 32 प्रतिशत वोट हासिल हुए।
- नांगलोई जाट सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रोहित चौधरी ने 32028 वोट और करीब 20 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। वह तीसरे नंबर रहे।
जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव में अगर किसी उम्मीदवार को डाले गए कुल वोटों का कम से कम छठा हिस्सा नहीं प्राप्त होता है तो जमानत स्वरूप उसके द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दी गई राशि जब्त हो जाती है।