पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाले खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौरा की पूरी क्राइम कुंडली सामने आ गई है. पुलिस ने इस आतंकी से पूछताछ के बाद इसके 31 अपराधों की लिस्ट जारी की है. खालिस्तान समर्थक इस आतंकी की क्राइम कुंडली में दर्ज सभी अपराध हत्या या हत्या के प्रयास के हैं. अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के गेट पर धार्मिक सजा काट रहे सुखबीर बादल पर भी इसने हत्या की ही नीयत से फायरिंग की थी. गनीमत रही कि सुखबीर बादल बाल बाल बच गए.
उस समय मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इसे दबोच लिया था. पंजाब पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में इस आतंकी नारायण सिंह चौरा की सुखबीर बादल के साथ कोई व्यक्ति दुश्मनी नहीं मिली है. ऐसे में आशंका है कि इसने धार्मिक बेअदबी का बदला लेने के लिए सुखबीर बादल पर हमला किया था. पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में पता चला है कि यह आतंकी बब्बर खालसा और दल खालसा समेत खालिस्तान समर्थक कई संगठनों से जुड़ा रहा है. यही नहीं, इसने साल 1984 में पाकिस्तान जाकर आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी. जहां इसने गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर किताब लिखी थी.
प्लेन हाईजैक गिरोह का सदस्य है चौरा
पंजाब पुलिस के एडीसीपी हरपाल सिंह के मुताबिक मूल रूप से गुरदासपुर जिले के थाना डेरा बाबा नानक इलाके के चौड़ा गांव में रहने वाले नारायण चौरा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को हुआ.साल 2004 के चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड में यह आरोपी है. इसमें चार खालिस्तानी आतंकी फरार हुए थे. 28 फरवरी, 2013 से लेकर पांच साल तक गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) UAPA एक्ट के तहत यह अमृतसर सेंट्रल जेल में बंद रहा है. यह आतंकी इंडियन एयर लाइंस के विमान को हाईजैक करने वाले आतंकी संगठन दल खालसा का सक्रिय सदस्य रहा है. इस आतंकी संगठन को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गजिंदर सिंह ने की थी. गजिंदर सिंह भारत सरकार द्वारा घोषित टॉप 20 आतंकियों की सूची में था. हालांकि पिछले दिनों उसकी पाकिस्तान में ही मौत हो गई थी.
अब तक ट्रैस हुए कुल 31 मुकदमे
पंजाब पुलिस के मुताबिक इस आतंकी के खिलाफ पहला मामला 7 जून 1990 का ट्रैस हुआ है. यह पंजाब के बटाला में मर्डर का मामला है. इसके खिलाफ दूसरी एफआईआर 17 अप्रैल 1991 को, तीसरी 21 अप्रैल 1991 को, चौथी 4 मई 1991 को दर्ज हुई थी. इसी प्रकार इसके खिलाफ 5 अगस्त 1991 को बटाला के डेरा बाबा नानक थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी प्रकार इस आतंकी के खिलाफ कुल 31 मामले ट्रैस हुए हैं. यह सभी मामले हत्या, हत्या का प्रयास, विस्फोटक अधिनियम समेत अन्य मामलों से जुड़े हैं. इन्हीं मामलों में यह पांच साल जेल भी काट चुका है.