Imams Protest Regarding Salary: आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (30 दिसंबर) को घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है तो मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा.
दूसरी तरफ दिल्ली में वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली मस्जिदों के इमाम अपनी रुकी हुई तनख्वाह को लेकर सोमवार (30 दिसंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर एकत्र हुए और प्रदर्शन किया.
17 महीने से रुकी हुई है तनख्वाह
मौलानाओं ने कहा कि उनकी तनख्वाह पिछले 17 महीने से रुकी हुई है, जिसके कारण उन्हें गंभीर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मौलानाओं ने कहा कि उन्होंने पहले भी दो बार अरविंद केजरीवाल से मिलने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया.
मौलाना साजिद रशीदी ने आईएएनएस से कहा, “आज हम तीसरी बार अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर आए हैं. पहले हमें बताया गया था कि शनिवार को हमें मुलाकात का समय दिया जाएगा, लेकिन जब हम शनिवार को पहुंचे, तब भी मुलाकात नहीं हो पाई. अब हम यह प्रण लेकर आए हैं कि अगर हमारी मुलाकात नहीं हुई तो हम यहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे और तब तक नहीं उठेंगे जब तक हमारी तनख्वाह नहीं मिल जाती.
चांदनी चौक मस्जिद के इमाम ने कही ये बात
चांदनी चौक मस्जिद के इमाम मौलाना महफूज रहमान ने कहा कि वे अपनी समस्याएं लेकर अरविंद केजरीवाल के घर पर आए हैं. उन्होंने कहा, हमारी तनख्वाह जो पिछले 17 महीने से रुकी हुई है, वह अब हमें चाहिए. हमारी तनख्वाह समय पर नहीं मिलती है तो हमें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है. हम चाहते हैं कि हमारी तनख्वाह जल्द से जल्द जारी की जाए.
राबिया बेगम बाजार सीता राम दिल्ली मस्जिद के मौलाना गय्यूर हसन ने भी चिंता जताते हुए कहा, हमारी 17 महीने की तनख्वाह रुकी हुई है और इसके कारण हम मानसिक और आर्थिक दोनों ही रूप से परेशान हैं. हम पहले भी कई बार यहां आ चुके हैं, लेकिन हमारी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से नहीं हो पाई. इस दौरान कई अन्य मौलानाओं ने भी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनकी तनख्वाह जल्द से जल्द जारी की जाए, ताकि वे अपना जीवन-यापन बेहतर बना सकें. उनका कहना है कि कई महीने से उनका काम रुका हुआ है और वे अपने परिवार के भरण-पोषण में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.